सीकर: बैंकों की अलग-अलग शाखाओं में एक ही नाम पते से खाते खोलकर कर लेन-देन करने वाले खाते बंद होंगे। वित्त मंत्रालय ने बैंक खातों की जानकारी एक ही क्लिक पर मिलने की योजना को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है। इसके लिए बैंक मुख्यालयों ने एक ही बैंक की अलग-अलग शाखाओं में खुले खातों को भी मर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है। पंजाब नेशनल बैंक ने एक ही बैंक की अलग-अलग शाखाओं में खोल रखे खातों को मर्ज करना शुरू कर दिया है।
मिलेगा यूनिक नम्बर
ग्राहकों को अब बैंक यूनिक कस्टमर आइडेन्टीफिकेशन कोड (यूसीआईसी) नम्बर जारी करेगी। कई बार नौकरी पेशा लोग तबादले के बाद नई जगह बैंक खाता खोल लेते हैं। इससे वित्तीय स्थिति का सही तरीके से पता नहीं चल पाता है। यह नम्बर मिलने के बाद ग्राहक आरडी, एफडी, ऋण आदि के अलग-अलग बचत खाते का उपयोग नहीं कर सकेगा। अगले कुछ दिन में बैंकों की ओर से ग्राहकों को एक यूनिक नम्बर देना शुरू किया जाएगा।
यह है कारण
यूनिक नम्बर से सरकार ग्राहक लेनदेन का लेखा-जोखा कुछ ही मिनट में देख सकेगी। अभी वित्तीय एजेंसियों के पास किसी व्यक्ति के लेनदेन पर नजर रखने के लिए कोई मजबूत सिस्टम नहीं है। इसके अलावा कई बार तो वित्तीय अनियमितता होने पर परेशानी भी आती है। एफडीआर व बचत खाते के नाम के दौरान केवाईसी अलग होने पर पहचान करना मुश्किल हो जाता है।
तीन लाख से ज्यादा खाते हो जाएंगे बंद
बैंक खाते को आधार से लिंक करवाने के लिए आरबीआई ने 30 जून तक समय निर्धारित किया है। निर्धारित समय तक खाते को लिंक नहीं करवाने पर बैंक खाते को बंद कर दिया जाएगा। जिले में 22 लाख से ज्यादा बचत खाते, करीब नौ लाख एफडीआर व आठ लाख जनधन के खाते हैं। पीएनबी के प्रबंधक जीआर मीणा ने बताया कि इनमें से करीब तीन लाख से ज्यादा खाते एेसे लोगों के हैं जिनके नाम दूसरे बैंक शाखा में खाते खुले हुए हैं। आधार से लिंक नहीं करवाने पर इन खातों पर अस्थाई रोक लगा दी जाएगी।
Bureau Report
Leave a Reply