जेनेवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संस्था के तहत 112 देशों की बैठक में गुरुवार को अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने पाक को करारा जवाब देते हुए कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जिसका कोई भी राजकीय धर्म नहीं है। साथ ही यहां देश में रह रहे अल्पसंख्यकों के अधिकारों की पूरी रक्षा की जाती है।
दरअसल पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया था कि देश में अल्पसंख्यकों पर हमले किए जाते हैं। जिसका जवाब देते हुए रोहतगी ने कहा कि भारत नागरिकों के जाति, रंग, नस्ल या धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं करता है। साथ ही जोर देते हुए कहा कि देश के संविधान में सबको अपनी बात रखने की पूरी आजादी दी गई है। और इसलिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।
यूएन के जनेवा सभा में दलितों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, लिंग, जाति, हिरासत में लेने वालो की मौत, और अफ्सपा के तहत भारत से कड़े सवाल पूछे गए थे। जिसका जवाब देते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि भारत के लोग अपनी राजनीतिक स्वतंत्रता को लेकर जागरुक हैं। और देश में सरकार के अलावा न्यायपालिका भी लोगों की अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी अहम भूमिका निभाती है।
गौरतलब है कि पाक प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर मुद्दे पर बोलते हुए भारतीय सुरक्षा बलों की ओर से की जाने वाली पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है। यहां जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में रोहतगी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया।
ध्यान हो कि संयुक्त राष्ट्र ने साल 2008 में इस परंपरा की शरुआत की थी जिसके तहत हर 4 साल में सदस्य देश मानवाधिकार मामलों पर एक दूसरे जवाब मांगते हैं। जहां भारत अपनी बात रखते हुए पाक को करारा जवाब दिया है।
Bureau Report
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