जयपुर: दुनियाभर में मई माह के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। खास तौर से मां के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर उनके दिए गए अथाह प्यार और स्नेह के लिए धन्यवाद देने का एक माध्यम है यह दिन। जितना खास है यह दिन, उतनी ही रोचक है इस दिन को मनाने की शुरुआत भी। अलग-अलग देशों में इस दिन को मनाने की अलग-अलग कहानी है। भारत में इस बार यह 14 मई को मनाया जा रहा है।
जयपुर, राजस्थान में मां से जुडे कुछ किस्से। मां के एेसे उदाहरण, शहर में अनोखे हों। आपको मिलेंगी कुछ एेसे पिताओं पर स्टोरी, जिन्होंने अपने बच्चों के लिए मां का रोल भी अदा किया। यानी कि मां की जिम्मेदारी भी पिता ने ही निभाई हों। साथ ही, एेसी मांओं का संघर्ष, जिन्होंने अपने बच्चों को बहुत संघर्ष के बाद पाला और वो आज उच्च पदों पर विराजमान हों। इसमें अधिकारी, राजनेता, अभिनेता, बिजनेसमैन आदि को भी शामिल कर सकते हैं।
मां से मिले लाइफ के लेसन
कूकस स्थित एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट शिवांगी मेहता का कहना है कि मेरी लाइफ में मां का योगदान सबसे बड़े अहसास की तरह है। एक वाकया इसका गवाह है। एक बार जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था और थिएटर में मेरा ऑपरेशन चल रहा था, तब मां बाहर खड़ी थी। जैसे ही उन्हें अंदर से कोई आवाज आती, वे दौड़कर अंदर जाने की कोशिश करतीं, लेकिन डॉक्टर उन्हें रोक देते। फिर जब ऑपरेशन खत्म हुआ तो वे मेरे पास आईं और मुझसे लिपटकर रोने लगीं।
इस वाकये ने मेरी लाइफ में मां की इम्पॉर्टेंस बढ़ा दी। कभी-कभी यह अहसास ताजा हो उठता है। एेसे ही अक्सर जब मैं कॉलेज के लिए निकलती हूं तो वे मुझे दुलार करती हैं। ये अहसास शब्दों में तो बयां नहीं किए जा सकते, लेकिन मां का रोल सबसे इम्पॉर्टेंट है। जब भी मैं निराश होती हूं तो मां से बात कर लेती हूं, तो ठीक हो जाती हूं। मेरे हर डिसीजन में मेरे साथ खड़े रहना, मुझे मोटिवेट करना और बच्चों के लिए सेक्रिफाइस के एग्जाम्पल उन्हीें से मिले।
Bureau Report
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