नईदिल्ली: पीएम नरेद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में परमाणु रिएक्टर बनाने पर अहम फैसला लिया गया। जिसमें कैबिनेट ने देश में स्वदेशी तकनीक से निर्मित परमाणु ऊर्जा के 10 संयंत्र लगाए जाने की मंजूरी दे दी है। इस दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल भी बैठक में मौजूद रहे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर के 10 परमाणु संयंत्र लगाए जाएंगे। जिसकी बिजली पैदा करने की कुल क्षमता 7 हजार मेगावाट होगी। साथ ही कहा कि वर्तमान में भारत 6 हजार 780 मेगावाट की बिजली परमाणु ऊर्जा से पैदा करता है।
गोयल ने कहा कि यह स्वदेशी परमाणु संयंत्र देश की सरकारी कंपनियों के अलावा उनके साथ सयुंक्त उपक्रम की कंपनियां ही लगा सकेंगी। इसके अलावा सभी स्थापित किए जाने वाले संयंत्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के सुरक्षा मापदंड अपनाए जाने की भी बात कही। उनका कहना की इसके जरिए घरेलू उद्योगों को लगभग 70 हजार करोड़ रूपए के ऑर्डर मिलने की संभवना बढ़ जाएगी।
फिलहाल देश में 22 परमाणु संयंत्र संचालित है। और इस परियोजना के शुरु होने के साथ ही देश में 33400 प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सभी 10 परमाणु संयंत्र ऊर्जा के क्षेत्र में मेक इन इंडिया की महत्वकांक्षी परियोजनाओं में से एक है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री गोयल ने इस फैसले को जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए लिया एक ऐतिहासिक कदम बताया है। साथ ही इसे स्वच्छ एवं सतत ऊर्जा को बढ़वा देकर कार्बन उत्सर्जन कम करने पर पेरिस में की गई प्रतिबद्धता पर भारत की गंभीरता करार दिया।
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