मोगा: डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम सिंह की फिल्म ‘जट्टू इंजीनियर’ शुक्रवार को यहां के दो सिनेमाघरों मेंं दिखाई जायेगी। इसे लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
उप पुलिस अधीक्षक (सिटी) गुबिंदर सिंह ने बताया कि दोनों सिनेमाघरों के आसपास कड़़ी सुरक्षा की गई है। पुलिस को इस दौरान उग्रपंथी सिखों के गड़़बड़़ी करने की आशंका है, जिसको देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
गौरतलब है कि पहले भी उग्रपंथियों ने डेरा मुखी की फिल्म को दिखाने पर ऐतराज किया था तथा तनाव की स्थिति बन आई थी।
इस फिल्म में भी बाप-बेटी की जोड़ी देखने को मिलेगी। यानी संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां और उनकी पुत्री हन्नीप्रीत इन्सां एक बार फिर अपने दर्शकों के बीच होंगे। बाप-बेटी की जोड़ी के निर्देशन, अभिनय में बनी कॉमेडी फिल्म जट्टू इंजीनियर 19 मई को सिनेमा घरों में रिलीज हो रही है।
एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी डॉ. एमएसजी की यह पांचवीं फिल्म है। कुछ दिन पहले ही राम रहीम ने अपने ट्विटर हैंडल से फिल्म का पहला रिलीज डेट लिखा हुआ पोस्टर रिलीज किया था। इसके बाद देशभर के विभिन्न शहरों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए थे।
फिल्म अभिनेता व डेरा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम सिंह ने बताया कि जट्टू इंजीनियर एक साफ-सुथरी कॉमेडी फिल्म है, जो दर्शकों को लोट-पोट करेंगी।
15 दिन में शूटिंग हुई पूरी
इस फिल्म में भी डॉ. एमएसजी ने निर्देशन से लेकर अभिनय, डीओपी, स्क्रिप्ट राइटिंग, सांग राइटिंग, सेट डिजानिंग, ड्रेस डिजाइनिंग, एडिटर, कोरियोग्राफी समेत 40 से भी अधिक भूमिकाएं निभाई हैं। फिल्म की शूटिंग 7 मार्च को शुरु हुई और 15 दिन यानी 22 मार्च को कम्पलीट हो गई। फिल्म की शूटिंग से लेकर पोस्ट प्रोडक्शन समेत फिल्म का सम्पूर्ण निर्माण सिरसा में ही हुआ है।
फिल्म की कहानी एक पिछड़े गांव पर आधारित
जट्टू इंजीनियर फिल्म की कहानी एक ऐसे गांव की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जो कि अत्यंत पिछड़ा हुआ है। इस गांव के निवासी आलसी होने के साथ-साथ नशों की गर्त में भी डूबे हुए हैं। इस पिछड़े गांव में स्कूल तो है लेकिन अध्यापक नहीं। इस फिल्म में मुख्य हीरो डॉ. एमएसजी एक जट्टू इंजीनियर और एक राजपूत हैडमास्टर की भूमिका में नजर आ आएंगे।
फिल्म में दिखाया गया है कि अगर यदि पूर्ण सकारात्मकता से कार्य किया जाए तो किसी भी हद तक बदहाल हुए गांव की तस्वीर को बदला जा सकता है। फिल्म में दिखाया गया है कि वे किस तरह से इस गांव के स्कूल में आकर ग्रामीणों को सुधारते हैं। फिल्म में दो गाने भी हैं, जो डॉ. एमएसजी ने खुद गाए हैं।
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