बानसूर/अलवर: ग्राम पंचायत रामपुर के समीप ढाणी भोराजाला निवासी बीएसएफ में हैडकांस्टेबल गोधराज मीणा अभी ठीक से बोल भी नहीं पाते, लेकिन इनके वीरता के किस्से सुनने वाले के खून में देशभक्ति का जज्बा जगा देते हैं।
हाल ही दिल्ली में आयोजित बीएसएफ के अलंकरण समारोह में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गोधराज को वीरता मैडल प्रदान कर उनके अदम्य साहस को सलाम किया। इस दौरान गृहमंत्री ने प्रोटोकॉल की भी परवाह नहीं कि और वीर सैनिक को गले लगाया।
गोधराज की वीरता और सम्मान से आज छोटी सी ढाणी भोराजाला ही नहीं, बल्कि पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है। इस सपूत की वीरता से उनके पिता बल्लूराम मीणा और माता गुल्ली देवी मीणा सहित अन्य परिजनों का भी सीना चौड़ा हो गया। उल्लेखनीय है कि ढाणी भोराजाला छोटी सी ढाणी है, लेकिन यहां के बड़ी संख्या में युवा बीएसएफ, आईटीबीपी एवं भारतीय सेना में रहकर देश सेवा कर रहे हैं।
बीएसएफ जवानों की बस को आतंकियों से बचाया
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में नरसू नाला के पास अगस्त-2015 में 30 बीएसएफ के जवानों को लेकर एक बस जा रही थी। उसी दौरान बस पर अचानक आंतकी हमला हो गया। इस दौरान गोधराज मीणा ने आंतकी की बंदूक से शरीर में कई जगह गोली लगने के बाद भी 30 जवानों की जान बचाई। वहीं बस में घुसने का प्रयास कर रहे एक आंतकी को भी मार गिराया।
इस दौरान गोधराज मीणा के सिर सहित कई जगह गोलियां लगी थी। गोली लगने से घायल गोधराज मीणा का चार माह तक उधमपुर के आर्मी अस्पताल में इलाज चला। सिर में गोली लगने से गोधराज मीणा अब सही तरीके से बोल नहीं सकते और इशारों में अपनी बात समझाते हैं।
गोधराज मीणा वर्तमान में जयपुर जिले के अचरोल के बीएसएफ कैम्प में 194 बटालियन में हैडकांस्टेबल के पद पर तैनात हैं और पत्नी व बच्चों के साथ वहीं रहते हैं। उन्हें अब प्रशासनिक ड्यूटी पर लगाया हुआ है।
वीर गाथा सुन गृहमंत्री ने तोड़ा प्रोटोकॉल
दिल्ली में एक जून को आयोजित बीएसएफ के अलंकरण समारोह में गोधराज मीणा को वीरता मैडल से सम्मानित किया गया। इस दौरान गोधराज की वीर गाथा सुन गृहमंत्री राजनाथ सिंह इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए अपनी कुर्सी से उठकर इस वीर सिपाही को सम्मानित कर गले से लगा लिया।
प्रोटोकॉल के तहत किसी भी राजनेता से मैडल मिलने के बाद सैनिक को हाथ मिलाकर सलामी देनी होती है, लेकिन जब गृहमंत्री ने गोधराज को गले लगाया तो कार्यक्रम हॉल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा।
बड़े भाई भी आतंकियों से लोहा देते हुए थे शहीद
गोधराज मीणा के बड़े भाई सुरज्ञानी मीणा भी बीएसएफ की 195 बटालियन में त्रिपुरा में तैनात थे। फरवरी-2003 में आंतकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए हो गए थे। बाद में गांव रामपुर में सुरज्ञानी मीणा की मूर्ति का अनावरण तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था।
Bureau Report
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