हैदराबाद: रिश्वतखोरी पर लगाम कसने के लिए आंध्र प्रदेश में इन दिनों एक खास प्रयोग चल रहा है। यहां राज्य सरकार ने 1100 नंबर पर एक टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू की है। रिश्वतखोरी के शिकार लोग यदि इस नंबर पर शिकायत करते हैं तो ज्यादातर मामलों में संबंधित कर्मचारी या अफसर से रिश्वत की रकम वापस करवाई जाती है। वह भी पीडि़त के घर जाकर। मामला यदि काफी बड़ा या गंभीर है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाती है।
पिछले दिनों आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में 12 लोगों ने नागरिकों को रिश्वत की राशि लौटाई है। कुर्नूल जिले में एक मामले में पंचायत सचिव ने (अलग-अलग मामलों में) 10 नागरिकों को (रिश्वत की) राशि लौटाई। सरकार का दावा है कि 25 मई को शुरू की गई ‘पीपुल फर्स्ट शिकायत निवारण योजना’ का काफी लाभ मिल रहा है और इससे भ्रष्ट सरकारी कर्मचारी डरे हुए हैं।
रिश्वत देने वाले को संरक्षण
नई हेल्पलाइन पर रिश्वत देने की शिकायत करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती।
निजी लोगों ने भी लौटाई रिश्वत
कुछ मामले सामने आए जिसमें निजी कर्मियों ने रिश्वत वापस की। कडप्पा में बीमा योजना का लाभ दिलाने के लिए एजेंट ने 1000 रुपए लिए, सरकारी कर्मी नहीं होने के बावजूद शिकायत करने पर उसने यह रकम लौटाई।
आंध्र सबसे भ्रष्ट
आंध्र प्रदेश को हाल में सामने आए देशव्यापी सर्वे में कर्नाटक के बाद दूसरा सबसे भ्रष्ट राज्य बताया था, जिसके बाद ही राज्य सरकार ने यह हेल्पलाइन नंबर शुरू किया।
सवाल उठे
रिश्वत के किसी मामले के सामने आने के बाद रिश्वत की रकम वापस करवाने के साथ ही संंबंधित कर्मचारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए। सिर्फ बड़े मामलों में कार्रवाई क्यों?
Bureau Report
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