तिरुवनंतपुरम: केंद्र सरकार की ओर से वध के लिए पशुओं की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना को वापस लेने की मांग को लेकर केरल विधानसभा में गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया। सीएम पिनारायी विजयन ने एक दिवसीय विशेष सत्र में पशुओं की खरीद-बिक्री पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने के लिए प्रस्ताव पेश किया जो पारित भी हो गया।
वहीं नेता विपक्ष रमेश चेन्नीथाला ने केंद्र सरकार की इस अधिसूचना को वापस लेने की मांग की है। इससे पहले अधिकांश विधायकों ने नए केन्द्रीय नियम पर चर्चा करने के लिए सदन के अंदर जाने से पहले विधानसभा कैंटीन में बीफ को भूना। और विधानसभा के कैंटीन में कई विधायक बीफ खाते भी दिखें।
वहीं इस प्रस्ताव का सत्तारुढ़ पार्टी माकपा नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट और कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने समर्थन किया है। सीएम विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना भारतीय संघ के सिद्धातों के खिलाफ है। यह नया नियम लोगों के खान-पान के अधिकारों का उल्लंघन के सिवाय कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना को वापस लिया जाना चाहिए।
बीजेपी विधायक ओ राजगोपाल ने हालांकि इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि सदन में गैर जरूरी मुद्दे पर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और माकपा केंद्र विरोधी अभियान के तहत सदन का दुरुपयोग कर रहे हैं। सीएम ने इस मामले पर कहा कि प्रदेश में लगभग 5 लाख लोग इसके व्यपार से जुड़े हैं। और इसके वजह से उनके कारोबार पर सीधे असर पड़ सकता है। तो वहीं इसका असर राज्य के दूध उत्पादन पर भी पड़ेगा।
केरल में कांग्रेस नेता के एम मणि ने हालांकि प्रस्ताव का समर्थन किया और स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराना सहीं नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से जो अधिसूचना जारी की गई है वह राज्य पर लागू नहीं है। साथ ही कहा कि इस अधिसूचना में छह अध्यायों में से पांच अध्याय केरल में लागू है लेकिन छठा अध्याय जो विवादास्पद है वह राज्य पर लागू नहीं है और यह मुद्दा उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
Bureau Report
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