देवगढ़: देवगढ़ नगर में तत्कालीन जलदाय मंत्री किरण माहेश्वरी ने पेयजल समस्या के निराकरण के लिए राज्य सरकार से 18 करोड़ रुपए स्वीकृत करवाए। इस पर जलदाय विभाग ने नए ट्यूबवेल, कुएं, पाइप लाइन, पानी की टंकियों का निर्माण सहित अन्य कई कार्य करवाए थे, लेकिन अभी तक पेयजल लोगों के घर तक नहीं पहुंच पाया। इससे समूचे तंत्र की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े हो गए हैं।
इसके चलते पेयजल स्त्रोतों में पर्याप्त पानी होते हुए भी लोगों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसमें कुछ हद तक तो विभाग की लापरवाह कार्यशैली भी जिम्मेदार है, जिसके कारण जलापूर्ति का कोई समय ही निश्चित नहीं है। कुछ वार्डों में कभी रात 11 बजे तो कभी अलसुबह 4 बजे ही आपूर्ति हो जाती है। वर्तमान में पेयजल आपूर्ति 5 से 6 दिन के अन्तराल में सिर्फ एक घण्टे के लिए हो रही है। उसमें भी अगर बिजली गुल हो जाए तो लोगों को पीने के पानी के लिए भी तरसना पड़ जाता है।
जल स्त्रोतों में पर्याप्त पानी
नगर के मुख्य जल स्त्रोत सौपरी बांध में वर्तमान में 18 कुएं हैं। 18 करोड़ की राशि से विभाग ने 5 नए कुएं खुदवाए। सौपरी बांध के सभी कुओं तथा बांध में जल स्तर रेड लाइन से ऊपर है। नगर के समीप नीमझर बांध एवं आसपास के कुओं में भी पर्याप्त मात्रा में पानी है। इसके बावजूद विभाग पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति नहीं कर पा रहा है।
18 करोड़ की राशि से यह हुए कार्य
नगर में चारनिया, शास्त्रीनगर, शहर कोट के पास एवं खादी भंडार के पास 4 ऊंची टंकियों का निर्माण करवाया गया।सीडब्ल्युआर छतरिया बावजी पर पंप रूम एवं क्वाटर बनवाए। सुभाष नगर में जीएलआर एवं 5 नए कुओं, जिसमें 2 रामपुरिया में, 1 ईश्वर सागर तालाब के किनारे, 2 संग्रामपुरा रोड पर बनवाए गए। 2 ट्यूबवेल एवं राईजनिंग लाइन के साथ नगर के मुख्य बाजार सूरज दरवाजा से मारू दरवाजा एवं अन्य स्थानों पर पाइप लाइनों का विस्तार किया गया।
इस तरह पहुंचता है घरों में पानी
विभाग द्वारा नगर के हर घर में पानी पहुंचाने के लिए पहले सौपरी बांध में स्थित कुओं से सौपरी बांध सीडब्ल्यूआर पर पानी का भण्डारण होता हैं, जहां से वेदवारी सीडब्ल्युआर पर पानी आता है। फिर वेदवारी सीडब्ल्युआर से संबधित सीडब्ल्युआर पर पानी जाता है, जहां से टंकियां भरने के बाद हर घर के लिए पानी की सप्लाई होती है। अगर इस प्रक्रिया में ३ घंटे से ज्यादा कहीं पर भी ब्रेक लगता है तो पूरे नगर में जलापूर्ति की व्यवस्था व समय गड़बड़ा जाता है। पहले सौपरी बांध से मोटर लगाकर सप्लाई की जाती थी, जबकि अब ग्रेवीटी से सप्लाई हो रही है। इससे विभाग का बिजली का बिल भी कम हो गया है।
समस्या का यह भी एक कारण
नगर में आए दिन विद्युत निगम द्वारा आए दिन अघोषित कटौती पेयजल समस्या को और बढ़ा रही है। कई बार पूरी रात बिजली बंद रहती है, जिससे दूसरे दिन की पेयजल व्यवस्था गड़बड़ा जाती है।
कई क्षेत्रों में कम दबाव बढ़ा रहा परेशानी
जलदाय विभाग द्वारा नई पाइप लाइनें बिछाने के बाद कई तंग गलियों के साथ कई ऐसे घाटी वाले क्षेत्रों में भी पानी पहुंचाया, जहां के लोगों को पानी भरने अपने घर से काफी नीचे आना पड़ता था। वहीं, कुछ जगहों पर विभाग की नजर अब तक नहीं पड़ी है। इनमें देशान्तरी का मोहल्ला, केशरिंग घाटी का कुछ क्षेत्र, खटीक मोहल्ला, सूरज दरवाजा, नारायणजी का मोहल्ला, भट्टों का मोहल्ला में पानी का दबाव नहीं होने से पानी नहीं पहुंच पाता है।
महिलाएं करेंगी प्रदर्शन
नगर पालिका अध्यक्ष अंजना जोशी ने बताया कि विभाग के ठेकेदार द्वारा नगर में २४ व्यक्तियों का स्टाफ लगाकर पेयजल आपूर्ति की जा रही है, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही से नगर की जनता को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में विभाग द्वारा ३ दिन में व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो महिलाएं जलदाय विभाग के बाहर प्रदर्शन करेगी।
बिजली के कारण बढ़ रही समस्या
पानी तो पर्याप्त मात्रा में है, परन्तु बिजली गुल रहने से जलापूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा जाती है। कुछ वार्डों में 48 घंटे में पानी दिया जा रहा है। जहां समस्या ज्यादा हो रही है वहंा आपूर्ति की समयावधि बढ़ाई जाएगी। पानी के प्रवाह की समस्या को लेकर जल्द ही सर्वे कर हल किया जाएगा।
Bureau Report
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