कोलकाता: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने शनिवार को 15 साल बाद ट्रेन का सफर किया। हालांकि ये सफर उनके लिए सुखद नहीं रहा। वे जिस ट्रेन में बैठे थे, वहां उनका एक शख्स के साथ सीट को लेकर विवाद हो गया। इस दौरान दोनों के बीच काफी तीखी बहस हुर्इ।
सौरव गांगुली ने शनिवार को बेलूरघाट में अपनी मूर्ति का अनावरण किया। इसके लिए उन्हें पदातिक एक्सप्रेस के फर्स्ट क्लास के जरिए सफर करना था। हालांकि जब गांगुली अपनी सीट पर पहुंचे तो एक शख्स पहले से ही उस सीट पर बैठा हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गांगुली ने उस शख्स से सीट से हटने के लिए कहा, लेकिन उस शख्स ने सीट से हटने से इनकार कर दिया। इसी बात काे लेकर दोनों में बहस हो गर्इ। बताया जा रहा है कि मामले को शांत करने के लिए सौरव ने पहल भी की लेकिन वह शख्स अपनी सीट को लेकर काफी परेशान था। इसी को लेकर उसने बवाल कर दिया। इसके बाद गांगुली ट्रेन से उतर गए।
दादा को अपने बीच पाकर वहां पर भीड़ जमा हो गर्इ। सौरव के फैंस उन्हें अपने बीच देखकर बेकाबू हो गए लेकिन आरपीएफ ने बड़ी मुश्किल से भीड़ पर काबू पाया। इसके बाद सौरव को एसी-2 में सीट दी गर्इ। सीट को लेकर हुए विवाद के पीछे तकनीकी कारण बताया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान गांगुली ने कहा कि उन्होंने 2001 में ट्रेन में सफर किया था। उसके बाद एेसा अब 15 साल बाद हुआ है। अपनी मूर्ति के अनावरण के बाद उन्होंने एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने अपनी मूर्ति को लेकर लिखा, ‘यह मेरी तरह दिखता है’।
हम आपको बता दें कि सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। साथ ही वे बीसीसीआर्इ की क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं।
Bureau Report
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