उच्च शिक्षा मंत्री बोलीं, नए 1250 व्याख्याता पढ़ाएंगे तो कॉलेजों की समस्याएं मिटेंगी

उच्च शिक्षा मंत्री बोलीं, नए 1250 व्याख्याता पढ़ाएंगे तो कॉलेजों की समस्याएं मिटेंगीभरतपुर: प्रदेश के कॉलेजों में व्याख्याताओं के 60 फीसदी रिक्त पदों को भरने की चुनौती से राज्य सरकार निपट रही है। आरपीएससी का समय पर पूरा साथ मिल जाए जो जल्द ही सभी कॉलेजों में 1250 व्याख्याताओं की भर्तीहो जाएगी और अकादमिक समस्याओं का एकसाथ निस्तारण हो सकेगा।

यह बात रविवार रात भरतपुर दौरे पर पहुंची उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने राजस्थान पत्रिका से खास बातचीत में कही। एक सवाल के जवाब में माहेश्वरी ने कहा कि व्याख्याताओं की कमी से आए दिन छात्र और कॉलेज प्रबंधन के बीच कई समस्याएं नईसामने आती हैं। इन व्याख्याताओं की भर्ती का काम चल रहा है।

छोटे शहरों से कतराते हैं व्याख्याता

माहेश्वरी ने कहा कि प्रदेश के बड़े शहरों में तो व्याख्याताओं के पद भरे हुए हैं लेकिन छोटे शहरों के कॉलेजों में जाने से यह कतराते हैं। इस कारण छोटे शहरों में पद ज्यादा रिक्त हैं। नई भर्ती से पहले इन कॉलेजों में प्रतिनियुक्ति आदि से व्याख्याता उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास है।

रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम दे रहे

माहेश्वरी ने कहा कि रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों पर मंत्रालय का जोर है। ताकि छात्रों को इनसे उद्यमिता विकास व रोजगार हासिल करने में सहायता हो।

शोध बढ़ाना एक प्रमुख लक्ष्य

माहेश्वरी ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शोध कार्य बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। इसमें स्थानीय मुद्दों सहित नई तकनीक विकसित करने के लिए शोध कार्यों की गतिविधि बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों में इनका सरकार माहौल बना रही है। प्रदेश के आठ विश्वविद्यालयों में शोध पीठों की स्थापना की जा रही है। कोटा और उदयपुर में शोध पीठ स्थापित की जा चुकी है। जल्द ही अन्य विवि में इसे लाया जाएगा।

इस वर्ष से बनेगा बृज विवि भवन

मंत्री ने एक जवाब में कहा कि महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के साथ ही प्रदेश के चार नए विश्वविद्यालयों के भवन निर्माण और अन्य सुविधाओं के विस्तार के लिए 28 अगस्त को जयपुर में बैठक होगी, जिसमें सभी निर्माण कार्यों के नक्शे, दस्तावेज पर आरएसआरडीसी से मंथन होगा। जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू कर भवन निर्माण कार्य शुरू कराए जाएंगे।

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*