धरती पर ये होगा रफ़्तार का असली ‘सौदागर’, रॉकेट बनाने वाली कंपनी का अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रांसपोर्ट, जानें खूबियां

धरती पर ये होगा रफ़्तार का असली 'सौदागर', रॉकेट बनाने वाली कंपनी का अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रांसपोर्ट, जानें खूबियांन्यूयॉर्क: इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला और रॉकेट बनाने वाली कंपनी स्पेसएक्स के सीईओ एलोन मस्क ने दावा किया है कि उन्हें अल्ट्रा हाई स्पीड तकनीक वाली अंडरग्राउंड ट्रांसपोर्ट सिस्टम से न्यूयॉर्क को वाशिंगटन डीसी से जोडऩे की मौखिक अनुमति मिल गई है। इस तकनीक से न्यूयॉर्क से वॉशिंगटन 29 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। 

मस्क ने दावा किया कि इस तकनीक के माध्यम से यात्री न्यूयॉर्क से फिलाडेल्फिया, बाल्टीमोर होते हुए वॉशिंगटन तक की लगभग 402 किलोमीटर का सफर तकरीबन 29 मिनट में तय कर लेंगे। उन्होंने बताया कि इस साल के अंत तक प्रोजेक्ट को औपचारिक मंजूरी मिलने की संभावना है। 

हालांकि वॉशिंगटन और न्यूयॉर्क के अधिकारियों ने कहा कि मस्क को अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पर्यावरण और निर्माण से जुड़ी मंजूरी हासिल करनी होगी। मस्क ने हाल ही में एक कंपनी शुरू की है जिसका नाम है बोरिंग। यह उनके ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए सुरंग का निर्माण करेगी। 

ये है हाइपरलूप

हाइपरलूप सुरंग में दौडऩे वाली एक ऐसी ट्रेन है, जो इलेक्ट्रो मैगनेटिक फील्ड पर हवा में तैरते हुए चलती है। इसमें खंभों पर पारदर्शी ट्यूब बिछाई जाती है। विशालकाय वैक्यूम ट्यूब सिस्टम के जरिए सामान और लोगों को एक जगह से दूसरी जगह बेहद तेजी के साथ पहुंचाना संभव हो सकेगा।

60 मिनट में दिल्ली से मुंबई का सफर

अगर भारत में हाइपरलूप ट्रेन दौड़े तो इसकी मदद से यात्री दिल्ली से मुंबई के बीच करीब 1400 किमी की यात्रा करीब 60 मिनट में कर सकेंगे। अमरीकी कंपनी हाइपरलूप के अधिकारी ने फरवरी 2017 में रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात कर भारत में भी इस तकनीक को इस्तेमाल करने की बात कही थी। बीते साल कंपनी ने इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट का एक प्रस्ताव भी दिया था।

रफ्तार का जादूगर…

1300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार

अंतरिक्ष में पर्यटन…

मस्क स्पेस एक्स रॉकेट से अंतरिक्ष में पर्यटन को भी हकीकत बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 

Bureau Report

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