झुंझुनूं: हौसला बड़ा हो तो इंसान का कद कोई मायने नहीं रखता है। इस बात की उदाहरण है राजस्थान के झुंझुनूं जिले की सूरजगढ़ तहसील के गांव दोबड़ा की ज्योति। महज तीन फीट कद की ज्योति की उम्र 18 साल है और हौसला तो पहाड़ सा है। तभी तो तमाम मुश्किलों को ‘बौना’ साबित कर ज्योति पांच किलोमीटर पढऩे के लिए जाती है। कभी पिता तो कभी भाई के कंधों पर बैठकर।
आंखों में कलक्टर बनने का ख्वाब पाले ज्योति की राह में कोई बाधा है तो वह है जिम्मेदारों की अनदेखी। सोमवार को जिला कलक्टर दिनेश यादव से मुलाकात कर ज्योति ने अपनी पीड़ा बयां की।
ज्योति ने बताया कि पहले वह हरियाणा में अपने ननिहाल में पढ़ती थी, मगर अब गांव आ गई और गांव में घर से पांच किलोमीटर दूर स्थित स्कूल में पढऩे जाती हैं। स्कूल आने-जाने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है। कद छोटा होने के कारण स्कूल जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कई बार भाई-पिता के कंधों पर बैठकर भी स्कूल जाती हैं।
कोई सरकारी मदद नहीं
ज्योति के पिता रामकिशन ने बताया कि उसके चार बेटा-बेटी हैं। ज्योति के अलावा अन्य किसी कद छोटा होने की समस्या नहीं है। रामकिशन को यह भी मलाल है कि अभी तक सरकार की तरफ से ज्योति को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई है।
ज्योति होनहार है। पढ़ाई में अव्वल है। दसवीं कक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की थी और गांव के सरकारी स्कूल में बारहवीं में अध्ययनरत है। बकौल, ज्योति मुझे स्कूल में छोटा कद होने के कारण कभी कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा है।
Bureau Report
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