पटना: बिहार में महागठबंधन के टूटने के बाद यह माना जा रहा है कि जनता दल (यूनाइटेड) प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार बना सकती है और ऐसे में भाजपा के शीर्ष नेता सुशील कुमार मोदी ‘सूमो’ फिर से उप-मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं. इससे पहले बुधवार (26 जुलाई) शाम को नीतीश कुमार ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. शाम को जनता दल (यूनाइटेड) के विधानमंडल दल की बैठक ख़त्म होने के बाद नीतीश ने राज्यपाल से मिलने का फैसला किया था. जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद का इस्तीफा नहीं मांगा. उन्होंने कहा कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे, यह राजद विधानमंडल की बैठक में तय हो चुका है. हालांकि इसके बाद खुद नीतीश कुमार ने ही इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया. अब राज्य में नए समीकरण बन सकते हैं और बीजेपी की सत्ता में वापसी हो सकती है.
बिहार के मुख्यमंत्री पद से नीतीश कुमार के इस्तीफा देने के बाद दिल्ली में बुधवार शाम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. इस बैठक में नीतीश कुमार को समर्थन देने पर पार्टी ने अपने विकल्प खुले रखे हैं. संसदीय बोर्ड ने एक समिति गठित की है जो बिहार पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित केंद्रीय मंत्री शामिल हुए. इसका यह मतलब निकाला जा रहा है कि जनता दल (यूनाइटेड) प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार बना सकती है और ऐसे में भाजपा के शीर्ष नेता सुशील कुमार मोदी फिर से उप-मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं. हालांकि एक विचार यह भी चल रहा है कि बीजेपी नीतीश को बाहर से समर्थन देगी, जिसकी संभावना कम नजर आ रही है.
लालू को जोर का झटका
पटना में राजद विधानमंडल दल की बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दोपहर को लालू यादव ने महागठबंधन में किसी प्रकार की टूट से इनकार करते हुए कहा था, “महागठबंधन में कोई टूट वाली बात नहीं है. मैं रोज नीतीश कुमार से बात करता हूं. कल ही रात को हमारी बात हुई.” उन्होंने अपने खास अंदाज में कहा, “हमने ही महागठबंधन बनाया है और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया है और हम ही इसे ढाह देंगे. ऐसा कहीं होता है क्या? यह महागठबंधन पांच साल के लिए बना है.” उन्होंने कहा कि जब बिहार में महागठबंधन की जीत हुई थी तो साफ था कि पांच साल के लिए सरकार बनाई गई है. इसके उलट नीतीश ने इस्तीफा देकर उनकी बोलती बंद कर दी है.
लालू ने नीतीश के साथ किसी भी तल्खी से इनकार करते हुए कहा कि उनके और नीतीश के संबंधों में कोई खटास नहीं है. उन्होंने कहा कि नीतीश का अनादर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह सब मीडिया के लोगों के दिमाग की उपज है.पत्रकारों द्वारा तेजस्वी के जवाब देने के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार हमारे नेता हैं. मुझे और तेजस्वी को जहां बोलना होगा बोलेंगे.”
सुशील कुमार मोदी पहले भी बने हैं बिहार के उप–मुख्यमंत्री
2005 में बिहार विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सत्ता में आई और सुशील कुमार मोदी को बिहार भाजपा प्रदेश का नेता चुना गया. इसके बाद उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा देकर बिहार के उप-मुख्यमंत्री का पद संभाला था. मोदी को वित्त विभाग के साथ अन्य कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 2010 में भी राजग ने बिहार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की और सुशील कुमार मोदी बिहार के उप-मुख्यमंत्री पद पर बने रहे. हालांकि सुशील मोदी ने 2005 और 2010 में बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था.
Bureau Report
Leave a Reply