जयपुर: राजस्थान में आधा दर्जन जिलों में मानसून तबाही मचा चुका है और अब तक प्रभावित जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश का मौसम विभाग प्रदेश में मौसम के बदले मिजाज से बेखबर बना हुआ है। दिल्ली स्थित मौसम केंद्र ने भले ही मौसम में बड़े बदलाव को लेकर अलर्ट जारी किए हैं, लेकिन स्थानीय मौसम केंद्र में लगे डॉप्लर रडार पिछले पांच दिनों से तकनीकी खराबी के चलते बंद पड़ा है।
वहीं विभाग के अधिकारी भी रडार कब शुरू होगा इस बारे में अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं। मालूम हो वर्ष 2012 में करीब दस करोड़ रुपए लागत से जयपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र में जर्मनी निर्मित डॉप्लर रडार लगाया गया था। राडार से जयपुर केंद्र से दो सौ किलोमीटर परिधि में मौसम के मिजाज में होने वाले बदलावों की सटीक जानकारियां प्रशासन समेत आमजन को उपलब्ध कराना मुख्य उद्देश्य था, लेकिन तकनीकी रखरखाव में बरती जा रही लापरवाही राडार लगाए जाने के साथ ही शुरू हो गई।
वर्ष 2013 में तत्कालीन निदेशक एसएस सिंह ने राडार की कूलिंग के लिए मंगवाए एसी मनमर्जी से राडार की बजाय विभाग के भवन में लगवा दिए। इसके चलते करीब दस लाख रुपए लागत वाली रडार की बैट्री फुंक गई और करीब तीन महीने तक राडार बंद रहा। वहीं पिछले पांच दिनों से प्रदेश में मानसून ने जमकर तबाही मचाई हो, लेकिन मानों मौसम विभाग के अफसरों को इससे कोई सरोकार ही नहीं रहा।
पिछले पांच दिनों से विभाग की ओर से जिला प्रशासन को मौसम संबंधी अलर्ट की सूचना भी समय पर नहीं जारी नहीं की जा रही है। जयपुर केंद्र निदेशक जीसी नगराले ने बताया डॉप्लर राडार में बैटरी बैकअप की समस्या आने से पिछले पांच दिनों से राडार काम नहीं कर रहा है। मामले में आलाधिकारियों को अवगत कराया गया है उम्मीद है अगले एक दो दिनों में रडार दुरुस्त होने के बाद मौसम अपडेट उपलब्ध हो सकेगा।
Bureau Report
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