सोहराबुद्दीन एनकाउंटर: पहले ‘दोषी’ बनकर 7 साल काटी जेल, अब उसी मामले में ‘पाक साफ़’ होकर ये IPS हुआ बरी

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर: पहले 'दोषी' बनकर 7 साल काटी जेल, अब उसी मामले में 'पाक साफ़' होकर ये IPS हुआ बरीजयपुर: राजस्थान के आईपीएस अफसर दिनेश एमएन के लिए मंगलवार को बड़ी राहत भरी खबर आई। देश के सबसे चर्चित एनकाउंटरों में से एक सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में दिनेश एमएन बरी हो गए हैं। मुंबई कोर्ट ने उन्हें बरी करने के आदेश दिए। 

गौरतलब है कि दिनेश एमएन राजस्थान कैडर में 1995 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उनकी गिनती तेज तर्रार पुलिस अफसरों में गिनी जाती है। 26 नवंबर, 2005 को हुए सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में वे सात साल जेल में रह चुके है। 

इससे पहले इसी मामले में प्रदेश के वर्त्तमान गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया को भी मुंबई हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था। जिस दिन ये राहत भरा फैसला आया था उस दौरान वे राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे।  

अदालत ने कटारिया के साथ ही मार्बल उद्योगपति विमल पाटनी और 2 अन्य पुलिस अफसरों की अग्रिम जमानत की अर्जी को मंजूर किया था।  इससे पहले सीबीआई ने सोहराबुद्दीन केस में पूरक चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करते हुए गुलाबचंद कटारिया, विमल पाटनी, आईपीएस एन. बालासुब्रमण्यम और एक अन्य पुलिस अधिकारी जी. श्रीनिवासन को इस मामले में आरोपी बनाया गया था।

दरअसल, सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामला फर्जी होने के अंदेशे की वजह से चर्चा में आया था। इसी वजह से दिनेश एमएन को जेल जाना पड़ा था। यह बहुचर्चित केस तब से अभी तक कोर्ट में लंबित चल रहा है। 

गुजरात के इस सबसे हाईप्रोफाइल एनकाउंटर में माफिया और पुलिस के मिलीभगत की बात सामने आई थी। जेल से बाहर आने के बाद सरकार ने एसीबी में उनकी तैनाती की। एसीबी के आईजी रहते हुए दिनेश एमएन ने कई बड़े अफसरों को घूस लेते रंगे हाथों ट्रेप करवाया था।

एसओजी में रहते हुए हाल ही में उन्हें राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनदपाल सिंह को पकड़ने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी, जो बाद में एनकाउंटर में मारा गया था। 

Bureau Report

 

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