जयपुर: राजस्थान के बाड़मेर, पाली, सिरोही और जालोर में बाढ़ के कहर के बाद आपदा प्रबंधन ने इन जिलों में बेघर हुए लोगों, फसलें गंवा चुके किसानों, टूटी सड़कों, पेयजल व्यवस्था समेत अन्य संसाधन जुटाने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने केंद्र सरकार से 1567 करोड़ रुपए मांगे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाढग़्रस्त जिलों में अपने घर के बर्तन और कपड़े गंवा चुके लोगों को पहली बार तत्काल 3800 रुपए की सहायता राशि दी जा रही है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र को बाढ़ राहत के लिए जो मेमोरेंडम भेजा गया है, उसके लिए बजट एनडीआरएफ नियमों के तहत मिलेगा। वहीं राज्य सरकार की ओर से भी बाढग्रस्त जिलों में सहायता के लिए जिला कलक्टरों को बजट दिया जाएगा। वहीं बाढग़्रस्त जिलों में तत्काल सहायता पहुंचाने के लिए कलक्टरों से प्रस्ताव भी मांगे जा रहे हैं।
बर्तन और कपड़ों के लिए 3800 रुपए
आपदा प्रबंधन सचिव हेमंत कुमार गेरा ने बताया कि बाढग़्रस्त जिलों में 31 मृतकों को एक करोड़ 24 लाख रुपए की सहायता राशि जारी की जा चुकी है। वहीं अलग-अलग कोष से मृतकों को यह सहायता राशि बढ़ा कर दी गई है। गेरा ने बताया कि बाढ़ के दौरान घरों में पानी भरने के बाद बर्तन और कपड़ों के नष्ट हो जाने के बाद लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। इस बार बर्तनों और कपड़ों के लिए भी 3800 रुपए की सहायता बाढ़ पीडि़तों को दी जा रही है।
इस तरह मांगा है केन्द्र से बजट
550 करोड़ -फसल खराबा
500 करोड़ -फसल ऋण
120 करोड़ -खाद्य सामग्री के परिवहन के लिए
90 करोड़- गौशालाओं के लिए
15 करोड़- मृतकों के परिजनों को सहायता, अन्य सहायता
48 करोड़ – क्षतिग्रस्त सड़कों के लिए
38 करोड़ -सिंचाई
26 करोड़ – पेयजल सप्लाई के लिए
Bureau Report
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