श्रीनगर: आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने मोहम्मद बिन कासिम को कश्मीर में अपना नया कमांडर नियुक्त किया है. कासिम, यासीन यातू की जगह लेगा, जो रविवार (13 अगस्त) को मारा गया था. यासीन यातू का मुठभेड़ में मारा जाना संगठन के लिए बड़ा झटका है, वह भी ऐसे समय में, जब उसके पूर्व नेता जाकिर मूसा ने अलग संगठन अंसार गजावत-उल-हिंद बनाने का ऐलान किया है, जिसका कश्मीर में अल कायदा से ताल्लुक है.
इस्लामवाद का कटु आलोचक होने का दावा करने वाला मूसा घाटी में आतंकवादी गतिविधियों का अगुवा रहा है और उसने उन लोगों को मारने की धमकी दी है, जो कश्मीर के अलगाववादी अभियान को राष्ट्रवादी आंदोलन बताते हैं. पुलिस सूत्रों ने हालांकि कहा कि उन्होंने हिजबुल से जुड़े किसी व्यक्ति को मोहम्मद बिन कासिम का नाम लेते नहीं सुना.
सूत्रों का कहना है कि खुफिया रिकॉर्डों के मुताबिक, इस कूट नाम का कोई सक्रिय आतंकवादी कश्मीर में नहीं है, लेकिन सूत्र ने अनुमान लगाया है कि वह व्यक्ति दक्षिणी कश्मीर में सक्रिय हिजबुल का डिवीजनल कमांडर रियाज नैकू हो सकता है. पुलिस के मुताबिक, नैकू (27) पुलवामा जिले के अवंतीपोरा कस्बे का रहने वाला है. वह आतंकी संगठन से वर्ष 2012 में जुड़ा था और दक्षिणी कश्मीर में हुए कई हमलों व अन्य आतंकी गतिविधियों में उसकी संलिप्तता रही है.
जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले में रविवार (13 अगस्त) को चौबीस घंटे तक चली गोलीबारी में हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर यासीन इत्तू सहित तीन आतंकवादी मारे गए. इसमें दो जवान भी शहीद हुए. इस दौरान दर्जन भर पत्थरबाज भी सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष में घायल हुए. सुरक्षा बलों व आतंकवादियों के बीच करीब 24 घंटे गोलीबारी चली. शोपियां जिले के अवनीरा गांव में गोलीबारी के दौरान मारे जाने वालों में हिजबुल का आपरेशनल कमांडर यासीन इत्तू उर्फ महमूद गजनवी भी शामिल था. अन्य दो मारे गए आतंकवादियों की पहचान उमर माजिद और इरफान के तौर पर हुई है.
इससे पहले माना जा रहा था कि तीसरा आतंकवादी अदिल मलिक है. इत्तू को यट्टू भी बुला जाता है. वह बडगाम जिले के चडोरा का निवासी था. वह 1997 में आतंकी समूह में शामिल हुआ था और तभी से आतंकी गतिविधियों में शामिल था. तीनों मारे गए आतंकवादी हिजबुल मुजाहिदीन से थे. उनके पास से तीन एके-47 राइफल बरामद हुईं हैं. सुरक्षा बलों ने अवनीरा में आतंकवादियों के छिपने के ठिकाने को विस्फोट से उड़ा दिया.
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