लद्दाख में जब ITBP के जवानों ने ‘पत्थरबाज’ चीनी सैनिकों को सिखाया सबक

लद्दाख में जब ITBP के जवानों ने 'पत्थरबाज' चीनी सैनिकों को सिखाया सबकनईदिल्लीः सिक्किम के डोकलाम के बाद चीनी सेना ने जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में भी भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की लेकिन चीनी सैनिकों को जबर्दस्त जवाब मिला. भारत को आंख दिखाने पर आमदा चीन को इंडियन आर्मी से ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी.दरअसल 15 अगस्त को जब देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा था, लद्दाख में चीन एक खतरनाक साजिश चल रहा था. चीन की का मकसद भारतीय सेनाओं को उकसाने की थी. लेकिन लद्दाख में सीमा की रखवाली कर रहे इंडियन तिब्बत बॉर्डर फोर्स के जवानों ने धैर्य से काम लिया.दोनों देशों के बीच टेंशन का ये माहौल दो घंटे तक चला, हालांकि इस दौरान किसी भी ओर से हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया. 

15 अगस्त को 15 चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुसे

चीन के 15 सैनिक लद्दाख में 15 अगस्त की सुबह साढ़े सात बजे पानगोंग झील के किनारे से भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे. इस झील के दो तिहाई हिस्से पर चीन का और एक तिहाई हिस्से पर भारत का नियंत्रण है. भारत के हिस्से वाला ये इलाका पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब चीन के 15 सैनिक इस ओर बढ़ रहे थे तभी सीमा पर तैनात भारतीय जवानों ने उन्हें रोक लिया और उन्हें वापस जाने की चेतावनी दी. कई बार की वार्निंग के बाद भी चीनी सैनिक वहां से हटने को तैयार नहीं हुए. इस बीच चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए, जब आईटीबीपी के जवानों ने उन्हें कार्रवाई की धमकी दी तो वहां पर चीनी सेना की ओर से पत्थरबाजी की गई. चीन की इस हिमाकत का भारतीय सेना ने जोरदार और भरपूर जवाब दिया. 

ITBP ने दिया साहस और धैर्य का परिचय

लद्दाख सीमा में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद भारत के आईटीबीपी के जवानों ने साहस का परिचय देते हुए चीनी सेना वहां से खदेड़ा. इस दौरान दोनों ओर के जवानों को मामूली चोट आई. इसके बाद तनाव भरे माहौल में दोनों देशों की सेनाओं ने घटनास्थल पर ड्रिल किया, जिसका मतलब ये दावा करना है कि ये जगह उनकी है. यहां पर आईटीबीपी के जवानों ने चीनी सेनाओं को एक झंडा दिखाया. इस झंडे में चीनी भाषा में लिखा था, ‘ये इलाका हमारा है, कृपया वापस चले जाएं.’ भारत और चीन के सेना के बीच ऐसी घटना कई सालों में पहली बार हुई है जब, चीन की ओर से भारतीय जवानों पर पत्थरबाजी की गई है. चीन की सेना कई बार भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश करती है, लेकिन इस दौरान दोनों देशों के बीच कभी भी हिंसक झड़प नहीं हुई है. ये पहली बार है जब चीन की सेना ने भारतीय सेना पर पत्थरबाजी की है. 

इसके बाद चीनियों को मजबूरन पीछे हटना पड़ा.बता दें कि पानगोंग झील की पहरेदारी के लिए भारतीय सेना हाई स्पीड इंटरसेप्टर बोट्स का इस्तेमाल करती है. भारतीय सेना ने ये नावें अमेरिकी से खरीदी है. इस नाव में एक बार में 15 सैनिक सवार हो सकते हैं. ये नाव रडार, इन्फ्रा रेड और जीपीएस सिस्टम से लैस है. बता दें कि चीनी सेना ने 2013 में भी लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश की थी तब भी चीनी सेनाओं को मुंह की खानी पड़ी थी.

घुसपैठ के दावे को चीन ने नकारा

चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग से जब इस घटना के संबंध में टिप्पणी करने को कहा गया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इसकी जानकारी नहीं है. में आपको बता सकता हूं कि चीनी सीमा बल भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.’उन्होंने कहा, ‘हम वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से के पास हमेशा गश्त करते हैं. हम भारतीय पक्ष से अपील करते हैं कि वह एलएसी और दोनों पक्षों के बीच प्रासंगिक संधियों का पालन करे.’ 

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