नईदिल्ली : पहले आमतौर पर राजनीति की मुख्य धारा में आने के लिए लोगों को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ता था. राजनीति में कैरियर बनाने के लिए कोई खास पढ़ाई नहीं होती थी. लेकिन अब यदि आप नेता बनकर अपना भविष्य संवारना चाहते हैं तो एक पाठयक्रम इसमें आपकी मदद कर सकता है. जी हां मुंबई के एक संस्थान ने नेतागिरी में भविष्य बनाने की चाह रखने वालों के लिए नया कोर्स शुरू किया है. इस कोर्स को करने के आपको केवल 9 महीने की क्लासेस लेनी होंगी. यानी सड़क से संसद तक पहुंचने की नेतागिरी अब आपको क्लासरूम में पढ़ाई और सिखाई जाएगी.
देश का पहला पीजी कोर्स
नेतागिरी के इस कोर्स को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी संस्था ने मुंबई के नजदीक उत्तन में शुरू किया है. नेतागिरी पर इसे देश का पहला पीजी कोर्स बताया जा रहा है. इसका नाम पोस्ट ग्रेजुएशन इन पॉलिटिकल लीडरशिप एंड गवर्नेंस है. 9 महीने के इस कोर्स में नेता बनने के लिए पहले बैच में 32 युवाओं ने प्रवेश लिया है. इनमें एमबीए से लेकर आईआईटी पास करने वाले भी शामिल हैं. इस कोर्स के लिए आपको ढाई लाख रुपये फीस चुकानी पड़ेगी.
कई राज्यों के युवा पहुंचे
एक अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक संघ की संस्था रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप (आईआईडीएल) में नेतागिरी के पहले बैच की पढ़ाई बुधवार से शुरू हुई. इसमें महाराष्ट्र के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश के युवा शामिल हैं. पश्चिम बंगाल के अरित्र चट्टोपाध्याय एमबीए हैं. पुणे में मैकेनिकल इंजीनियर के तौर पर काम कर चुके हैं.
अरित्र अब नेता बनकर पूर्वोत्तर राज्यों के विकास में योगदान देना चाहते हैं. हैदराबाद के प्रवीन चंद्र पिडीशेट्टी अपने दादा और नाना की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए नेता बनना चाहते हैं. उनके नाना और दादा कभी राजनीति में थे, लेकिन इनके बाद परिवार में कोई राजनीति में सक्रिय नहीं हो सका. इसलिए उन्होंने इस कोर्स में दाखिला लिया है.
लैंबॉर्गिनी गिफ्ट पाने वाली महिला स्टूडेंट
मुंबई से सटे मीरा-भायंदर के बीजेपी विधायक नरेंद्र मेहता की पत्नी सुमन मेहता कोर्स में दाखिला लेने वाली अकेली महिला हैं. सुमन वाराणसी (यूपी) की रहने वाली हैं. वह उस वक्त सुर्खियों में आईं थीं, जब जन्मदिन पर विधायक पति ने उन्हें तोहफे में साढ़े 5 करोड़ की इम्पोर्टेड लैंबॉर्गिनी कार दी थी. सुमन मेहता कहती हैं कि मैं नेतागीरी के लिए नहीं, गवर्नेंस की डिग्री के लिए यह कोर्स कर रही हूं.
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