नईदिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर आज लेह के पहुंचे. सेना के कार्यक्रम में लेह पहुंचे राष्ट्रपति का भव्य स्वागत हुआ. चीन और पाकिस्तान के साथ जारी तनातनी के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लेह यात्रा काफी अहम है. राष्ट्रपति के साथ ही लद्दाख में एक दिन पहले से ही सेना प्रमुख विपिन रावत भी पहुंच चुके हैं. राष्ट्रपति ने सोमवार सुबह वायुसेना के विमान से लेह में एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंचे. माना जा रहा है कि इसके बाद वह सेना की लद्दाख स्कॉट में जाएंगे. वहां पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ राष्ट्रपति लद्दाख स्कॉउट को ध्वज प्रदान करेंगे. इसके साथ ही राष्ट्रपति सेना के जवानों के साथ चाय भी पीएंगे.
राष्ट्रपति कोविंद का लेह का एक दिन का ही कार्यक्रम होगा, लेकिन सर्वोच्च कमांडर की यह यात्रा ड्रैगन को साफ संदेश देने के लिए काफी है. सेना और स्थानीय प्रशासन ने राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर काफी तैयारियां की हैं. डोकलाम में सैन्य तनाव और 15 अगस्त को पेंयोग झील में चीनी सेना की घुसपैठ के बीच रविवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी तीन दिन के दौरे पर लेह पहुंचे. राष्ट्रपति लेह में लद्दाख स्काऊट्स की सभी पांचों बटालियनों एवं लद्दाख स्काऊट्स रैजीमेंटल सैंटर के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और लद्दाख स्काऊट्स की 5 बटालियनों को कलर्स भी प्रदान करेंगे. उसी दिन दिल्ली लौटने से पहले वह लेह के महाबोधि इंटरनेशनल मैडीटेशन सैंटर भी जाएंगे. राष्ट्रपति के स्वागत के लिए राज्य के राज्यपाल एन एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी मौजूद होंगी.
राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद का यह पहला दौरा है. इस दौरान सोमवार को राष्ट्रपति लेह में सेना की यूनिट लद्दाख स्कॉउट को अपना फ्लैग प्रदान करेंगे. सेना की किसी यूनिट को प्रेजिडेंट फ्लैग मिलना काफी गर्व की बात होती है. लद्दाख स्काउट काफी लंबे समय से चीन सरहद पर निगरानी की अहम जिम्मेदारी निभा रही है. सेना की यह यूनिट स्थायी तौर पर लेह में ही मौजूद रहती है.
Bureau Report
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