1. प्राइवेट बैंक नहीं रहेंगे हड़ताल पर
आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे प्राइवेट बैंकों में कामकाज सामान्य रहने की उम्मीद है. हालांकि इन बैंकों में भी चेक क्लीयरिंग में देरी हो सकती है. चूंकि महानगरों के साथ ही दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में भी प्राइवेट बैंकों का ऑपरेशन मजबूत होता जा रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि कस्टमर को अधिक मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
2. बढ़ रहे हैं डिजिटल ट्रांजैक्शन
हड़ताल का सीधा असर बैंकों की ब्रांचों पर होगा. जबकि यह डिजिटल ट्रांजैक्शन का जमाना है. खासकर नोटबंदी के कारण डिजिटल ट्रांजैक्शन में अच्छा इजाफा हुआ है. आरबीआई द्वारा जारी प्रोविजनल डाटा के अनुसार, जुलाई, 2017 में डिजिटल ट्रांजैक्शन की संख्या बढ़कर 85.92 करोड़ हो गई. जुलाई में इसमें हालांकि 2 फीसदी का इजाफा हुआ.
3. वॉलेट्स या प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स भी बढ़े
जुलाई में वॉलेट्स या प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स से ट्रांजैक्शंस की संख्या भी लगभग 5 फीसदी बढ़कर 8.87 करोड़ हो गई. मई में यह संख्या 9.13 थी. ये नंबर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के हैं, जिनमें टॉप चार बैंकों के साथ टॉप 8 वॉलेट प्लेयर्स होते हैं.
4. यूपीआई में 11.7 फीसदी ग्रोथ
सरकार के डिजिटल पेमेंट्स का पोस्टर ब्यॉय यूपीआई ने जुलाई में 11.7 फीसदी ग्रोथ दर्ज की है. इसके ट्रांजैक्शंस की संख्या बढ़कर 1.14 करोड़ हो गई.
5. स्मार्टफोन ट्रांजैक्शंस की भी तेजी से बढ़ रही संख्या
स्मार्टफोन के जरिए होने वाले ट्रांजैक्शंस की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. जियो के आने के बाद स्मार्टफोन ट्रांजैक्शंस में और तेजी से इजाफा हो रहा है.
6. पीओएस मशीन से ट्रांजैक्शंस
डेबिट कार्ड से पीओएस मशीन के जरिए ट्रांजैक्शंस की संख्या में जोरदार इजाफा हो रहा है. इससे लोगों को हमेशा कैश रखने की परेशानी से भी मुक्ति मिल गई है. डेबिट कार्ड से होने वाले ट्रांजैक्शंस में मासिक आधार पर 1.7 फीसदी का इजाफा हो रहा है. जुलाई में यह संख्या 23.64 करोड़ रही.
नौ यूनियनों ने किया हड़ताल का आह्वान
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियनों में सभी 9 बैंक यूनियन (एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओ, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी, नोबीडब्ल्यू, एनओओ) ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. एआईबीओसी के महासचिव डी टी फ्रैंको ने कहा, ”मुख्य श्रम आयुक्त के साथ सुलह नहीं हो पाई. करीब 132,000 शाखाओं में कामकाज प्रभावित होंगे.
एसोसिएशन की मांगें
एसोसिएशन की खास मांगों में बैंक चार्ज में वृद्धि की वापसी, एनपीए की सख्ती से वसूली नहीं करना, संसदीय समितियों की अनुशंसाओं को लागू करना, एफआरडीआई बिल वापस लेना, सभी संवर्गों में समुचित भर्ती, बोर्ड-ब्यूरो को खत्म करना, बड़े बकायेदारों को अपराधी घोषित करना और जीएसटी का बोझ ग्राहकों पर नहीं डालना आदि हैं. UFBU ने बैंकों के डूबते कर्ज (NPA) के बढ़ते आंकड़ों पर भी चिंता जताई और कहा कि सरकारी बैंकों का करीब 6.83 करोड़ रुपये NPA घोषित हो चुका है, जो बैंकिंग सेक्टर के लिए चिंता का विषय है.
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