इलाहाबाद के डीआरएम एसके पंकज घटना के बाद औरैया पहुंचे और मीडिया से बातचीत में कहा कि हादसा डंपर के ड्राइवर की वजह से हुआ. वह अनधिकृत तरीके से ट्रैक पर पहुंचा. ड्राइवर और डम्पर मालिक के खिलाफ ट्रेसपासिंग समेत अन्य धाराओं में कार्रवाई की जाएगी.
औरैया के डीएम ने भी हादसे के लिए ड्राइवर को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस मामले में कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं. ड्राइवर और डंपर मालिक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि डंपर अनधिकृत रूप से ट्रैक पर पहुंचा था, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ.
गौरतलब है कि जिस रूट पर यह हादसा हुआ उसके बगल में ही डेडिकेटेड हाईस्पीड कॉरिडोर पर काम चल रहा था. यह डंपर इसी कॉरिडोर के लिए मिट्टी लेकर पहुंचा था और ट्रैक पर पलट गया. जिसके बाद फुल स्पीड में आ रही कैफियत एक्सप्रेस की इससे टक्कर हो
बता दें एक बार फिर रेलवे के अधिकारियों ने मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है. सीपीआरओ जीके बंसल ने कहा कि वह डंपर रेलवे का नहीं था. यानी कि रेलवे ने प्राइवेट डंपर को भी काम पर लगाया था. क्योंकि इस कॉरिडोर पर दिन रात काम चल रहा है. यहां लगातार मिट्टी, गिट्टी और मोरंग की सप्लाई की जा रही है.
सवाल यह उठता है कि अगर यह डंपर रेलवे का नहीं था तो वहां क्या कर रहा था? क्या रेलवे ने प्राइवेट डंपर को काम पर लगाया है? अगर प्राइवेट डंपर काम पर लगे हैं तो जिम्मेदारी सिर्फ ड्राइवर और डंपर मालिक की ही कैसे हुई?
अगर डंपर ट्रैक पर गिरा तो वहां मौजूद लोगों ने पुलिस और जीआरपी को सूचना क्यों नहीं दी? क्योंकि जब कॉरिडोर पर काम हो रहा था तो वहां जेई स्तर के कर्मचारी मौजूद रहते हैं.
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