नईदिल्ली: गोरखुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 48 घंटे के दौरान हुई 42 मौतों के बाद निशाने पर आई उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया सीमए योगी आदित्यनाथ ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है. माना जा रहा है कि उनका यह बयान जी न्यूज की ओर से मंगलवार को दिखाए स्टिंग ऑपरेशन को लेकर भी है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसा लगता है कि लोग चाहते हैं उनके बच्चों को सरकार पाले. सीएम ने कहा कि मुझे लगता है कि कही ऐसा न हो कि लोग बच्चे के दो साल का होते ही सरकार के भरोसे छोड़ दें कि अब सरकार ही उनका पालन पोषण करे.
योगी ने आगे कहा कि हम लोग मानते हैं कि सरकार की जिम्मेदारी है. लगता है हम सारी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए. वह बुधवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने इस दौरान लोगों के जिम्मेदारियों से भागने की आदत पर तंज कसा. इसके अलावा भी उन्होंने अपने संबोधन में कई बातें कहीं,
पेश हैं उनके बयान की खास बातें…
सीएम के बयान की खास बातें
हर बात के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं
ऐसा न हो कि लोग दो साल का होने पर बच्चों को सरकार भरोसे छोड़ दें
लोगों की उम्मीद है कि सरकार ही उनके बच्चों का पालन पोषण करे
लोग अपनी जिम्मेदारियों से भागते हैं
लोगों की आदत होती है कि हर काम के लिए सरकार के भरोसे रहते हैं
सीएम योगी ने कहा कि मीडिया कहती है कि फलानी जगह कूड़ा पड़ा है
हमलोग मानते हैं कि सरकार की जिम्मेदारी है. लगता है हम सारी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गए
यूपी सरकार ने 1000 करोड़ रुपए स्टार्टअप फंड के लिए आवंटित किए हैं
सिडबी (SIDBI) के साथ मिलकर 15 सितंबर से इस योजना की शुरुआत की जाएगी
इससे युवाओं को रोजगार मुहैया कराने में मदद मिलेगी.
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी सरकार ने 1000 करोड़ रुपए स्टार्टअप फंड के लिए आवंटित किए हैं. सिडबी के साथ मिलकर 15 सितंबर से इस योजना की शुरुआत की जाएगी, जिससे युवाओं को रोजगार मुहैया कराने में मदद मिलेगी. गौरतलब है कि बुधवार को गोरखपुर में बाबा रघुवर दास (BRD) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मासूमों की मौत का मामला सामने आया है. बीते 48 घंटों में यहां पर 42 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 72 घंटों में 61 बच्चों की मौत हो चुकी है. अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि इस अस्पताल में हर साल इतनी ही मौतें होती हैं. बीते तीन दिनों में अस्पताल में 61 बच्चों की मौत हो चुकी हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इंसेफलाइटिस वार्ड में 11, नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में 25 और शिशु चिकित्सा वार्ड में 25 बच्चों की मौत हुई है.
Bureau Report
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