नईदिल्ली: आज से ठीक 78 साल पहले ऐसा कुछ हुआ था जिसने दुनिया को व्यापक रूप से बदल डाला. वह 1 सितंबर 1939 का दिन था जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला कर दिया था और फिर शुरू हो गया था द्वितीय विश्व युद्ध. सन 1945 तक करीब छह साल चले इस युद्ध में दुनिया के करीब 70 देशों की सेनाएं आपस में भिड़ गई थीं. यह ऐसा वैश्विक संघर्ष था जिसने दुनिया की तब की जनसंख्या की तीन फीसदी आबादी खत्म कर दी थी. करोड़ों लोग घायल हुए थे और अरबों रुपये का नुकसान हुआ था. इस युद्ध के दौरान देशों की सीमाएं बदलती रहीं.
दूसरे विश्व युद्ध में 10 करोड़ से ज्यादा सैन्य कर्मी शामिल थे. यह मानव इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध माना जाता है. इसको टोटल वॉर भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सेनाओं केसाथ-साथ आम लोग भी शामिल थे. इस नीति विहीन युद्ध में दुश्मन देशों में आम जनता पर भी बम बरसाए गए थे. इस युद्ध में दुनिया दो समूहों में बंट गई थी. एक समूह में जर्मनी इटली जापान हंगरी रोमानिया और बुल्गारिया जैसे देश शामिल थे. दूसर समूह में अमेरिका, सोवियत रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, नीदरलैंड, कनाडा, ब्राजील, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, नार्वे, पोलैंड, चीन आदि देश थे.
वास्तव में द्वितीय विश्व युद्ध का कारण पहले विश्व युद्ध को ही माना जाता है. प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी ने मुंह की खाई थी और जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर दुश्मन देशों को सबक सिखाना चाहता था. एक सितंबर 1939 को सुबह 4 बजकर 45 मिनट पर जर्मनी ने पोलैंड पर हमला कर दिया. कुछ ही घंटों में लाखों जर्मन सैनिक पोलैंड में प्रवेश कर गए. करीब एक माह के युद्ध के बाद पोलैंड पर जर्मनी का कब्जा हो गया. फ्रांस और ब्रिटेन पोलैंड की कोई मदद नहीं कर पाए. करीब छह माह बाद हिटलर के निशाने पर फ्रांस और ब्रिटेन थे. उधर इटली में दूसरे तानाशाह मुसोलिनी की यूरोप में रोमन राज की स्थापना के रूप में सत्ता विस्तार की लालसा बढ़ गई.
पश्चिमी दुनिया के यूरोप के देशों में संघर्ष शुरू हो चुके थे और इधर पूर्वी दुनिया में जापान एशिया पर हुकूमत चलाने की तमन्ना पाले था. साम्राज्य स्थापित करने के लिए जर्मनी, इटली और जापान ने लड़ाई शुरू कर दी थी. वर्ष 1940 में 9 अप्रैल को हिटलर ने यूरोपीय देश नार्वे पर हमला कर दिया. जर्मन सेना ने नार्वे को तो जीता ही साथ ही उसके और जर्मनी के बीच आने वाले डेनमार्क को भी कब्जे में ले लिया. इसके बाद कुछ ही महीनों में जर्मनी ने नीदरलैंड, बेल्जियम, लेक्स्मबर्ग पर हमले किए और उन्हें जर्मन साम्राज्य का हिस्सा बना लिया. इसी साल 5 जून को हिटलर ने करीब 15 लाख सैनिकों को लेकर फ्रांस पर हमला कर दिया. महज 15 दिन में जर्मनी ने फ्रांस को परास्त कर दिया. इस तरह जर्मन सेना ब्रिटेन को छोड़कर लगभग पूरे यूरोप पर अधिपत्य हासिल कर चुकी थी.
इसके कुछ ही माह बाद जर्मनी और ब्रिटेन के बीच घमासान युद्ध शुरू हो गया. यह युद्ध कई माह चला. और आखिरकार हिटलर का धैर्य टूट गया. उसने ब्रिटेन के साथ युद्ध रोक दिया. उसने ब्रिटेन से बाद में निपटने का विचार किया और रूस से बिना किसी कारण के युद्ध शुरू कर दिया. यहां हिटलर का फैसला गलत साबित हुआ. रूस की सेना के सामने जर्मनी नहीं टिक सका. लाखों नाजी सैनिक मारे गए. रूस की सेना ने जर्मन सैनिकों को खदेड़ डाला. इसके बाद जर्मनी ने अमेरिका के साथ युद्ध करने की घोषणा कर दी, जबकि अमेरिका और जर्मनी के बीच कोई दुश्मनी नहीं थी.
जापान ने 7 दिसंबर 1941 को अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हमला किया और इसके चार दिन बाद ही हिटलर ने अमेरिका से युद्ध शुरू कर दिया. एशिया में जापान ब्रिटेन के साथ लड़ रहा था. जर्मनी का अमेरिका से युद्ध करना घातक साबित हुआ. छह जून 1944 को अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य मित्र देशों की सेना यूरोप में घुस गई और जर्मनी पर हमला कर दिया. इससे पहले 1943 में इस सेना ने इटली पर कब्जा किया और मुसोलिनी को पकड़ लिया गया. कई माह चले युद्ध में जर्मनी पस्त होता गया. जर्मनी की हार और तानाशाह हिटलर का अंत तय हो चुका था. 30 अप्रैल 1945 को हिटलर ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली. हालांकि हिटलर की मौत को लेकर अब भी एक रहस्य ही मानी जाती है. हिटलर के अंत के साथ जर्मनी की हार हो गई और यूरोप में दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हो गया.
Bureau Report
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