नईदिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को घाटी में टेरर फंडिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की. इस कार्रवाई के तहत एनआईए ने श्रीनगर में 11 और दिल्ली में पांच स्थानों पर छापेमारी की. इससे पहले भी एनआईए ने टेरर फंडिंग के आरोप में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह सहित सात को हिरासत में लिया था. इनके यहां छापेमारी में केंद्रीय एजेंसी को खाता बही, दो करोड़ रुपये नकद के साथ ही लश्करे तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन सहित प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों के लेटरहेड मिले थे.
एनआईए की जांच का उद्देश्य आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण के पीछे जो लोग हैं उनकी पहचान करना है. इसमें सुरक्षा बलों पर पथराव, स्कूल जलाने और सरकारी प्रतिष्ठानों को क्षति पहुंचाने की साजिश रचने वाले भी शामिल हैं. कश्मीर में 1990 की शुरुआत में आतंकवाद बढ़ने के बाद पहली बार ऐसा हुआ था जब किसी केंद्रीय एजेंसी ने अलगाववादियों के वित्तपोषण के सिलसिले में छापेमारी की है. बुधवार को चल रही सभी जांच जम्मू-कश्मीर में लगातार हो टेरर फंडिंग से जुड़ी हुई है.
इनके यहां चल रहा सर्च ऑपरेशन
बशीर अहमद कालू, श्रीनगर
शौकत अहमद कालू, श्रीनगर
अब्दुल राशिद भट्ट, श्रीनगर
इकबाल वानी, श्रीनगर
सैयद खान, श्रीनगर
इमरान कौसा, कौसा एंड संस
गौरतलब है कि टेरर फंडिंग के मामले में कुछ दिन पहले गिरफ्तार किए गए कारोबारी जहूर वताली ने पूछताछ में कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं. एनआईए को जानकारी मिली है कि विदेशों में भी जहूर वताली की ने भारी संपत्ति अर्जित की है. एजेंसी उसके हवाला कनेक्शन की भी जांच कर रही है. कश्मीर में राजनीतिक पार्टियों से लेकर अलगाववादी नेताओं तक पहुंच रखने वाले कारोबारी जहूर वताली को अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. तभी से एनआईए की टीम उससे पूछताछ कर रही है. एनआईए को यह भी जानकारी मिली है कि दिल्ली और पंजाब के अलावा यूके और दुबई में भी जहूर वताली की करोड़ों की संपत्ति है.
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