बर्कले: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका के बर्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में दिए संबोधन में कहा कि देश की जनता के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी मेरे भी प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले उन्होंने पीएम को खुद से अच्छा वक्ता बताते हुए कहा कि वह लोगों को अपना संदेश अच्छी तरह से पहुंचाते हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि नोटबंदी पर सरकार का फैसला गलत था. इससे जीडीपी में दो प्रतिशत की गिरावट आई है.
उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी की तरफ से यदि मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है तो मैं इसके लिए तैयार हूं. राहुल ने अपने संबोधन में यह स्वीकार किया कि साल 2012 में कांग्रेस में घमंड आ गया था और पार्टी ने जनता से संवाद कम कर दिया था. इस कारण पार्टी की लोगों से दूरी बन गई थी. इस दौरान उन्होंने छात्रों के बीच विभिन्न मामलों पर अपने विचार रखें.
‘इंडिया ऐट 70: रिफलेक्शन ऑन द पाथ फॉरवर्ड’ कार्यक्रम में राहुल ने समकालीन भारत और इसके आगे के सफर के बारे में अपने विचार रखे. राहुल ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश में आज नफरत और हिंसा की राजनीति का बोलबाला है. उन्होंने कहा कि हिंसा से किसी का भला नहीं होने वाला है.
राहुल गांधी ने कहा कि मेरे से बेहतर हिंसा को कौन समझेगा. मैंने हिंसा में अपनी दादी (इंदिरा गांधी) और पिता (राजीव गांधी) को खोया है. जिन लोगों ने मेरी दादी को गोली मारी, मैं उन लोगों के साथ बैडमिंटन खेलता था. मुझे पता है कि हिंसा से आपको क्या नुकसान हो सकता है. जब आप अपने लोगों को खोते हैं तो आपको गहरी चोट लगती है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने ये भी कहा कि भारत में फिलहाल नौकरी सृजन करने की कमी है, भारत को जॉब क्रिएट करनी होगी. लेकिन हम चीन की नीति पर चलकर जॉब क्रिएट नहीं कर सकते हैं, हमें लोकतांत्रिक तरीके से ही ये करना होगा. भारत में छोटे और मीडियम कारोबार में ही जॉब हैं.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स को भी लपेटे में लिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हजारों लोगों को सोशल मीडिया पर बैठा रखा है जो दिनभर मेरे खिलाफ एजेंडा चलाते हैं. मेरे हर बयान और मेरे काम को गलत संदर्भ में दिखाने की कोशिश करते हैं. लेकिन दुनिया मुझे देख रही है और मेरे काम से मेरे बारे में राय बनाई जानी चाहिए.
Bureau Report
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