पश्चिमबंगाल: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उन्हीं की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद मुकुल रॉय झटका देने की तैयारी में हैं. मुकुल रॉय ने सोमवार को बताया कि वे दुर्गा पूजा के बाद सांसद के पद और पार्टी से इस्तीफा दे देंगे. हालांकि उन्होंने ये बताने से मना कर दिया कि आखिर वह सांसद पद क्यों छोड़ना चाहते हैं. पूछने पर कहा कि दुर्गा पूजा के बाद ही वे बता पाएंगे कि उन्होंने क्यों पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है. मुकल रॉय तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते हैं. वे शुरू से ही ममता बनर्जी के करीबी रहे हैं. केंद्र में यूपीए की सरकार के दौरान ममता बनर्जी ने मुकुल रॉय को रेल मंत्री के पद पर भी दिलाया था. पश्चिम बंगाल के नारादा और शारदा चिटफंड घोटाले में भी मुकुल रॉय का नाम आता रहा है. इन घोटालों में नाम आने के बाद ममता बनर्जी खुद मैदान में आईं थीं और मुकुल रॉय का बचाव किया था.
बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं मुकुल रॉय
पिछले दिनों बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के अलग-थलग पड़े नेता मुकुल रॉय उनकी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कुछ नहीं कहा कि वह (रॉय) भाजपा में शामिल होंगे या नहीं. घोष ने कहा ‘वह (रॉय) एक बड़े नेता है. मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि वह भाजपा में शामिल होंगे या नहीं. लेकिन वह नयी दिल्ली में हमारे नेताओं के संपर्क में है.’
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने रॉय के कथित रूप से भाजपा नेताओं के साथ नजदीकियां बढ़ाने की निंदा की थी और कहा था कि उन पर करीबी नजर रखी जा रही है. संपर्क किये जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के पार्टी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से कहा ‘मैं इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर सकता हूं. यह तृणमूल कांग्रेस का आंतरिक मामला है.’
रॉय से प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद एक समय तृणमूल कांग्रेस में दूसरे नंबर के नेता और राज्यसभा सदस्य रॉय के इस समय पार्टी के साथ तनावपूर्ण संबंध चल रहे हैं. पार्टी के अपनी कमेटी को पुनर्गठित करने का निर्णय करने के बाद रॉय को हाल में टीएमसी के उपाध्यक्ष पद से हटाया गया था.
Bureau Report
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