बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद गंवाने के बाद अशोक चौधरी बोले- इस अपमान के काबिल नहीं थे.

बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद गंवाने के बाद अशोक चौधरी बोले- इस अपमान के काबिल नहीं थे.बिहार: बिहार में कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद अशोक चौधरी ने कहा कि पार्टी का निर्णय का स्वागत करते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि जिस तरह से हमें अपमानित करके निकाला गया हम वह डिजर्व (लायक) नहीं करते हैं. मंगलवार को कांग्रेस ने पार्टी की बिहार इकाई के प्रमुख अशोक चौधरी को उनके पद से तुरंत प्रभाव से हटा दिया. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष कौकब कादरी नये पीसीसी प्रमुख की नियुक्ति नहीं होने तक इस जिम्मेदारी को संभालेंगे. एआईसीसी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने बताया, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक चौधरी को बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से तुरंत प्रभाव से हटा दिया है.’ पार्टी में बिहार के प्रभारी महासचिव सीपी जोशी ने एक बयान में बताया कि बिहार पीसीसी के उपाध्यक्ष कौकब कादरी नये पीसीसी प्रमुख की नियुक्ति नहीं होने तक इस जिम्मेदारी को संभालेंगे.

कांग्रेस पार्टी की ओर से यह कदम इन खबरों के बीच उठाया गया है कि पार्टी की राज्य इकाई दो फाड़ हो सकती है जिसमें से एक धड़े की अगुवाई चौधरी कर सकते हैं. चौधरी ने हाल में आरोप लगाया था कि एक वर्ग पार्टी की बिहार इकाई में बगावत को हवा देने के लिए उनका नाम लेकर उनकी छवि खराब कर रहा है. बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 27 विधायक हैं.

बिहार में जदयू के महागठबंधन से हटने के बाद इस बात को लेकर आशंकाएं थीं कि उसके कुछ विधायक जदयू में शामिल हो सकते हैं. हालांकि कांग्रेस ने दावा किया था कि उसने स्थिति पर नियंत्रण कर लिया है. पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले माह 20 से अधिक विधायकों से मुलाकात कर पार्टी के कामकाज के बारे में उनकी अलग अलग राय जानी थी.

पार्टी सूत्रों के अनुसार राहुल ने कांग्रेस विधायकों को बुलाकर इसलिए बातचीत की थी ताकि पार्टी की राज्य इकाई में विभाजन को टाला जा सके.

Bureau Report

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