नईदिल्लीः गुजरात में विधानसभा चुनावों में ईवीएम के साथ वीवीपैट पर्चियों से भी काउंटिंग की विपक्ष की मांग के बीच चुनाव आयोग ने राज्य के 10 पोलिंग स्टेशनों पर कुछ ऐसा ही करने का फैसला किया है. हालांकि इसके पीछे की वजह किसी राजनीतिक दल की मांग या ईवीएम में गड़बड़ी नहीं है बल्कि अन्य ही है. इलेक्शन कमीशन ने शनिवार को दिए अपने बयान में कहा है कि गुजरात की विसनगर, वेजलपुर, बेचराजी, मोडसा, वटवा, जमालपुर-खादिया, सावली, संखेड़ा के दस पोलिंग स्टेशनों में वोटों की गिनती वीवीपैट पर्चियों से होगी.
चुनाव आयोग ने इसका कारण बताते हुए कहा कि इन पोलिंग स्टेशनों में निर्वाचन अधिकारियों ने मॉक पोल के दौरान की गई वोटिंग के डेटा को कंट्रोल यूनिट से हटाया नहीं था. इसलिए इसकी वोटिंग के लिए वीवीपैट पर्चियों का इस्तेमाल होगा.
आपको बता दें कि गुजरात चुनावों के नतीजों से पहले चुनावों में ईवीएम और वीवीपैट को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कांग्रेस ने अर्जी के जरिये न्यायालय से मांग की थी कि 25 फीसदी वीवीपैट वोटों का मिलान ईवीएम केे वोटों सेे किया जाए ताकि चुनाव में निष्पक्षता को सभी के सामने लाया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई के दौरान रद्द कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि गुजरात कांग्रेस को चुनाव में सुधार की मांग करते हुए नए सिरेे से याचिका दायर करनी चाहिए.
दरअसल, कांग्रेस गुजरात चुनावों में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर पहले ही सवाल उठा चुकी है. गुजरात के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान के दौरान कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री के निजी सचिव की तरह काम कर रहा है. साथ ही पार्टी ने कई जगहों पर ईवीएम को ब्लूटूथ से जुड़ने की शिकायत भी आयोग में दर्ज कराई थी.
Bureau Report
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