नईदिल्ली: गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनावों में भले ही राजनीतिक दलों ने वोटरों को अपने-अपने पाले में खींचने के लिए एड़ी चोटी के जोर लगा दिए हों और काफी हद तक अपने मिशन में कामयाब भी हुए हों, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं हैं जो चुनावों में खड़े हुए उम्मीदवारों या उनकी पार्टियों को कतई पसंद नहीं करते और इन लोगों ने नोटा ( इनमें से कोई नहीं) का बटन दबाया था.
गुजरात की बात करें तो यहां दूसरे चरण की गिनती तक 2,03,716 लोगों ने किसी भी प्रत्याशी को वोट ना करके नोटा को पसंद किया. यानी कुल वोटरों में से 1.9 फीसदी लोगों ने NOTA के पक्ष में अपनी राय रखी. यहां बीजेपी को 48.5 और कांग्रेस को 42.5 फीसदी लोगों ने वोट किया.
हिमाचल प्रदेश में 68 सीटों के लिए वोट डाले गए थे. यहां नोटा के पक्ष में हालांकि कम लोग दिखाई दिए. कुल वोटरों में से 0.9 फीसदी यानी 12,095 लोगों ने नोटा का बटन दबाया. जबकि बीजेपी के पक्ष में 49.5 फीसदी लोग खड़े दिखाई दिए तो कांग्रेस के पक्ष में 42.7 फीसदी लोगों ने वोट डाले.
Bureau Report
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