विशेषज्ञों ने भी जताई थी आशंका
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने भी कहा था कि इस सप्ताह बाजार को गुजरात, हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजों से दिशा मिलेगी. इसके अलावा निवेशकों की संसद के शीतकालीन सत्र पर भी निगाह रहेगी. नायर ने कहा था कि यदि नतीजे एक्जिट पोल से अलग आते हैं तो इससे निकट भविष्य में मध्यम अवधि में बाजार की धारणा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. चुनाव नतीजों के बाद बाजार की निगाह वैश्विक संकेतों तथा अमेरिकी कर सुधारों पर होगी.
कोटक सिक्योरिटीज की उपाध्यक्ष (पीसीजी शोध) टीना वीरमानी ने भी कहा था कि आगे चलकर बाजार की दिशा 18 दिसंबर को आने वाले चुनाव नतीजों तथा संसद के शीतकालीन सत्र से तय होगी. वैश्विक स्तर पर निवेशकों की निगाह अमेरिकी कर सुधारों तथा कच्चे तेल की कीमतों पर रहेगी. वहीं अरिहंत कैपिटल मार्केट्स की पूर्णकालिक निदेशक अनीता गांधी ने भी अनुमान जताया था कि चुनाव नतीजे वाले दिन सोमवार (18 दिसंबर) को हम बाजार में संभवत: उत्साहवर्धक रुख को जारी रहते देख सकते हैं.’
सेंसेक्स पर संसद सत्र का भी पड़ेगा असर
इस दौरान संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार (15 दिसंबर) से शुरू हो गया है. इस सत्र में कुल 14 कामकाजी दिन हैं. सत्र की समाप्ति 5 जनवरी को होगी. सरकार इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करेगी, जिसमें वित्तीय संकल्प और जमा बीमा विधेयक, 2017 प्रमुख है.
Bureau Report
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