शिमला: राज्य की चर्चित सीटों में शुमार द्रंग सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह को हार का सामना करना पड़ा है. वह लगातार नौवीं बार चुनावी मैदान में थे. भाजपा के जवाहर ठाकुर ने कौल सिंह को 2158 वोटों से हराया. दिग्गज कौल सिंह अपने गढ़ में कितने मजबूत थे, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाइए कि कि वह अब तक एक भी चुनाव नहीं हारे थे. लेकिन इस बार सत्ता विरोधी लहर का वह सामना नहीं कर सके.
द्रंग सीट को कांग्रेस का अभेद किला माना जाता रहा है. कांग्रेस की ओर चुनाव लड़ने वाले कौल सिंह लगातार नौ बार विधायक चुने गए. दसवीं बार विधायक बनने के लिए ताल ठोक रहे थे. उधर, बीजपी ने बीजेपी के मंडी जिलाध्यक्ष जवाहर ठाकुर को टिकट दिया था. जवाहर ठाकुर ने कौल सिंह को पिछले दो चुनावों में कड़ी टक्कर दी थी और मामूली अंतर से चुनाव हारे थे. लेकिन इस बार वह कौल सिंह पर पार पाने में सफल रहे. जवाहर ठाकुर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष जय राम ठाकुर के करीबी भी माने जाते हैं.
1977 का चुनाव में कौल सिंह ने बतौर जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था और जीत दर्ज की थी. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया और 1982, 1985, 1993, 1998, 2003, 2007, 2012 में उन्होंने इस सीट से चुनाव जीता. सिर्फ 1990 का चुनाव एक अपवाद रहा जब बीजेपी ने दीनानाथ यहां से चुनाव जीत गए. कौल सिंह की गिनती राज्य में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है. वह दो बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे. कौल के लिए सबसे बड़ी परेशानी उनके ही राजनीतिक चेले पूर्ण चंद ठाकुर थे जो वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष होते हुए भी बागी होकर मैदान में उतर गए थे.
Bureau Report
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