नईदिल्ली: आप सबने ट्रेन में सफर किया होगा. ट्रेन सफर के दौरान यात्रियों के अलग-अलग अनुभव, किस्से-कहानी होते हैं. यात्रा के दौरान यात्रियों को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ा होगा. इस बार दिल्ली से मुंबई जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस में सफर कर रहे एक बुजुर्ग व्यक्ति ने दावा किया है कि यात्रा के दौरान उन्हें चूहे ने काटा है. 65 वर्षीय ब्रिजभूषण सूद राजधानी एक्सप्रेस की लचर व्यवस्था से काफी परेशान निराश हैं. सूद ने बताया कि चूहे काटने के बाद उनके शरीर से खून बहने लगा. उन्हें ट्रेन कर्मियों द्वारा इमरजेंसी सुविधा भी नहीं दी गई. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार नगाड़ा स्टेशन पर पहुंचने से पहले करीब 11:40 बजे चूहे ने ब्रिजभूषण को काटा था.
यह घटना 7 जनवरी की है. इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना टिकट चेकर को दी लेकिन स्टेशन पहुंचने के बाद भी उन्हें तुरंत कोई मेडिकल सुविधा प्रदान नहीं की गई. इस घटना के बाद सूद काफी परेशान और नाखुश दिखें. इस मामले पर ब्रिजभूषण सूद ने कहा कि नगाड़ा के बाद रतलाम पर भी मेडिकल टीम को सूचित नहीं किया गया जबकि मुझे बहुत खून बह रहा था. सूद ने बताया कि उन्हें काफी परेशानी हो रही थी. बहुद देर बाद वडोदरा स्टेशन पर एक महिला डॉक्टर आई लेकिन उसने कोई हेल्प नहीं की जिससे मुझे कोई फायदा मिले. सूद ने बताया कि नगाड़ा से वडोदरा तक के सफर के साढ़े तीन घंटे तक कान से खून बहता रहा. सूद ने आगे बताया कि खून से रूमाल भीग चुका था.
उस महिला डॉक्टर ने मुझे कुछ दवाई तो जरूर दीं लेकिन हार्ट पेशेंट के नाते मैं महिला डॉक्टर की दी हुई दवाई को नहीं खाना चाहता था. मैं डॉक्टर को अपनी दवा दिखाना चाहता था लेकिन उन्होंने एक बार भी मेरी दवाई नहीं देखी. सूद ने कहा कि महिला डॉक्टर कुछ दवा देकर पर्ची देते हुए कहा कि मुंबई जाकर दवाई ले लेना. मंबई जाकर डॉक्टर को दिखाया जिसने 500 रुपये फीस ली. डॉक्टर ने इंफेक्शन न फैले इसलिए इंजेक्शन लगाया.
इस घटना के बाद सूद परेशान हैं. इस मामले में रेलवे के डॉक्टर ने दावा किया है कि यह कोई चूहे काटने के कारण नहीं हुआ था बल्कि यह केवल रैश था और न ही उन्हे ट्रेन के तकिए पर खून के निशान मिले. वहीं इस मामले पर रेलवे अधिकारियों का कहना है कि 5 जनवरी को ही कीड़े मारने वाली दवाई का छिड़काव किया गया था और चूहों को रोकनों के लिए हर प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया था.
राजधानी एक्सप्रेस के यात्रियों को मिलेगी ये सुविधा
अगर आप राजधानी ट्रेनों से यात्रा करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार इन ट्रेनों में यात्रियों को डिस्पोजेबल तौलिया और तकिया का कवर देगी. यानी यात्री तौलिया और तकिए के कवर को एक बार यूज कर फेंक देंगे. इसे दोबारा धोकर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. सरकार ने यह फैसला स्वच्छता को ध्यान में रखकर लिया है. यात्रियों के लिहाज से अच्छी बात यह है कि इस सुविधा को शुरू करने के बदले रेलवे उनसे फिलहाल कोई अतिरिक्त किराया नहीं वसूलेगी. हालांकि डिस्पोजेबल तौलिया और तकिया का कवर को बनाने में इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि इसे फेंकने से पर्यावरण को कोई नुकसान न हो, यानी यह इको फ्रेंडली हो.साथ ही इस फैसले के पीछे ये भी कहा जा रहा है कि ट्रेनों में बड़े पैमाने पर तौलिए और तकिया के कवर की चोरी होती है, जिससे रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.
Bureau Report
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