दरअसल यह मामला वर्ष 1994 में सरकारी संग्रह अमीन चन्द्रिका सिंह ने शाही के खिलाफ कोर्ट में दर्ज कराया था. कसया पुलिस थाने में शाही के खिलाफ सरकारी का में बलपूर्वक रुकावट पैदा करने (भारतीय दंड संहिता की धारा 353), आपराधिक मानसिकता से सरकारी काम में बल का प्रयोग करने (धारा 506) के तहत मामला दर्ज कराया गया था. 1994 में मामला दर्ज होने बाद कोर्ट में इसकी सुनवाई 2004 में शुरू हुई थी, जिसके बाद शाही ने कोर्ट में सही समय पर हाजिरी लगाते हुए जमानत करा ली थी. 2004 से लेकर 2007 तक शाही इस मामले में अदालत पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने कभी कोर्ट में हाजिरी नहीं लगाई.
कौन है सूर्य प्रताप शाही
वर्तमान में सूर्य प्रताप शाही उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री हैं. सूर्य प्रताप शाही ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से ही की है, वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता रह चुके हैं. शाही राम जन्मभूमि आंदोलन में भी काफी सक्रिय रहे हैं. वर्ष 1980 में शाही ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा था. वर्ष 1985 में हुए विधानसभा चुनावों में शाही के खाते में जीत आई और वह दो साल बाद यूपी सरकार में मंत्री भी बन गए. वर्ष 1991 में उन्हें गृह राज्यमंत्री बनाया गया, वर्ष 1992 में उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया. माना जाता है कि शाही पर यह मामला इसी दौरान दर्ज कराया गया था.
Bureau Report
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