हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड को टक्कर देगा IIT, IIM; 29500 करोड़ से होगा कायाकल्प.

हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड को टक्कर देगा IIT, IIM; 29500 करोड़ से होगा कायाकल्प.नईदिल्ली: बजट 2018-19 में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रीमियर इंस्टीट्यूट के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए निवेश की घोषणा की थी. प्रीमियर इंस्टीट्यूट के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए बजट में रिवाइटलाइज इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सिस्टम इन एजुकेशन (RISE) स्कीम की शुरुआत की गई है, जिसके तहत अगले चार सालों में 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक RISE स्कीम के तहत सभी 23 IITs के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 25 हजार करोड़, 6 नए IIM के लिए 4500 करोड़ और सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. NIT के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए 11,300 करोड़ रुपए का ऐलान किया गया है.

HEFA के तहत होगी सारी फंडिंग
RISE स्कीम के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए सारी फंडिंग हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी (HEFA) के तहत की जाएगी. HEFA एक सरकारी नॉन प्रॉफिट एजेंसी है जिसकी घोषणा बजट 2016-17 में की गई थी. HEFA का गठन कंपनी एक्ट के तहत किया गया है और रजिस्ट्रेशन RBI के साथ किया गया है. यह एक नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) है जिसका बेस कैपिटल 1000 करोड़ रुपए का है. HEFA की फंडिंग सरकार और कंपनी सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत की जाती है. देश के प्रीमियर एजुकेशन इंस्टीट्यूट मसलन IITs, IIMs, सेंट्रल यूनिवर्सिटी के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के मकसद से ही HEFA का गठन किया गया था. HEFA के तहत सभी सेंट्रल इंस्टीट्यूट को 10 साल तक के लिए लोन मिलता है.

HEFA सेंट्रल इंस्टीट्यूट को लोन देता है

ज्यादा से ज्यादा फंडिंग और समय पर प्रोजेक्ट पूरा होने के मकसद से सरकार ने अनुदान की जगह HEFA के तहत लोन देने का फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक 1 लाख करोड़ की फंडिंग के लिए HEFA को 10,000 करोड़ रुपए की जरूरत होगी. 10 हजार करोड़ रुपए की क्विटी इकट्ठा करने के लिए केंद्र सरकार 8500 करोड़ और केनरा बैंक 1500 करोड़ रुपए देगा. HEFA के गठन में केनरा बैंक सरकार का पार्टनर है.

दिसंबर 2022 तक पूरे करने होंगे सारे प्रोजेक्ट
HEFA के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के सभी प्रोजेक्ट दिसंबर 2022 तक पूरे कर लिए जाएंगे. जानकारी के मुताबिक सारी फंडिंग सीधे  वेंडर और कॉन्ट्रैक्टर को की जाएगी. RISE स्कीम के तहत HEFA से जो भी लोन लिए जाएंगे उसे 10 सालों के भीतर सभी इंस्टीट्यूट को लौटाने होंगे. हालांकि अलग-अलग इंस्टीट्यूट द्वारा लोन लौटाने की समय सीमा और उसमें सरकार का शेयर अलग-अलग होगा.

इस तरह से लौटाने होंगे लोन

2014 से पहले खुले सेंट्रल यूनिवर्सिटी को 90:10 के अनुपात में लोन मिलेगा. इसका मतलब मूलधन का 10 फीसदी यूनिवर्सिटी को होने वाली कमाई से लौटाना होगा जबकि 90 फीसदी मूलधन और ब्याज सरकार लौटाएगी. 10 साल से ज्यादा पुराने सभी IITs और IIMs को मूलधन खुद लौटाने होंगे जबकि सरकार केवल ब्याज लौटाएगी. 2008 से 2014 के बीच जितने भी टेक्निकल इंस्टीट्यूट खोले गए हैं उन्हें 75:25 के अनुपात में लोन मिलेगा. मतलब इंस्टीट्यूट को मूलधन का 25 फीसदी लौटाना होगा. बाकी 75 फीसदी मूलधन और ब्याज सरकार लौटाएगी.

Bureau Report

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