नईदिल्ली: बॉलीवुड की फिल्में इन दिनों हिन्दुस्तान ही नहीं, पाकिस्तान में भी खूब धमाल मचा रही हैं. पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों और कलाकारों की लगातार बढ़ती लोकप्रियता अब आतंकियों को खटकने लगी है. फिलहाल, पाकिस्तान में बीते कुछ दिनों पहले रिलीज हुई भारतीय फिल्म ‘संजू’ के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ने आतंकियों की घबराहट बढ़ा दी है.
आतंकी संगठनों की घबराहट का आलम यह है कि उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी नागरिकों पर इस फिल्म को न देखने का भावनात्मक दबाव बनाना शुरू कर दिया है. अपने नापाक मंसूबों के तहत आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान में संजू फिल्म की सफलता को सीधे तौर पर कश्मीर से जोड़ दिया है. आतंकी संगठन भारतीय कला को पसंद करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों पर यह कह कर दबाव बना रहें हैं कि इस फिल्म की सफलता का सीधा असर कश्मीर में मौजूद उनके आतंकियों पर पड़ रहा है.
मंगलवार को एक आतंकी संगठन द्वारा फिल्म संजू ट्वीट किए गए कहा गया है कि शुक्रवार को संजू 3.2 करोड रुपए कमाने में सफल रही. शनिवार को इस फिल्म की कमाई बढ़कर 3.5 करोड रुपए हो गई. वहीं रविवार को इस फिल्म ने 3.58 करोड़ की कमाई की. सोमवार को भी इस फिल्म का कलेक्शन करीब 2.3 करोड रुपए रहा. बीते चार दिनों में इस फिल्म ने पाकिस्तान में करीब 12.58 करोड़ रुपए की कमाई की है.
इस ट्वीट में पाकिस्तानी नागरिकों पर तंज कसते हुए आतंकी संगठनों ने कहा है कि प्रिय पाकिस्तान वासियो, आप इसी तरह पैलेट गन और गोलियों को खरीदने में भारत की मदद करते रहें. जिससे हमारे आदमियों की कश्मीर में हत्या की जा सके. आतंकी संगठन लगातार पाकिस्तानी नागरिकों को बरगलाते हुए कह रहे हैं कि भारतीय फिल्म की टिकट के लिए दिया गया पूरा रुपया सीधा भारत पहुंचता है. पाकिस्तान के इन्हीं रुपयों से भारतीय सेना कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के लिए पैलेट गन और गोलियां खरीदती है.
वहीं इस बाबत, सुरक्षाबलों से जड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि आतंकी संगठनों का सबसे बड़ा हथियार नफरत है. वे लगातार पाकिस्तान में भारत के खिलाफ नफरत फैलाकर वहां के नौजवानों को अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. आतंकी संगठनों की नजर में पाकिस्तान नौजवानों की कीमत बलि के बकरे से ज्यादा नहीं है. भारतीय फिल्मों के पाकिस्तान पहुंचने से वहां के नागरिकों का हमारे प्रति एक भावनात्मक लगाव पैदा होता है. इन फिल्मों के जरिए नफरत की तरतें हटने लगती है. यही वजह है कि इन दिनों आतंकी संगठनों को पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों की सफलता रास नहीं आ रही है.
Bureau Report
Leave a Reply