नईदिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की शपथ में गए पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और पाकिस्तान के सेना प्रमुख वाजवा के गले मिलने पर बवाल मचा हुआ है. भाजपा और कांग्रेस दोनों इस पर अपने अपने तर्क दे रहे हैं और एक दूसरे को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. इधर इस मामले में बवाल मचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर रूस में भारत और पाकिस्तान की सेनाएं एक दूसरे के साथ युद्धाभ्यास की तैयारी में जुटी हैं. भले सीमा पर दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे पर गोलियां बरसा रही हों, लेकिन अब दोनों ओर के सैनिक साथ में युद्धाभ्यास करेंगे. शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के तहत ये युद्धाभ्यास होगा.
इस अभियान को पीस मिशन 2018 नाम दिया गया है. इसमें चीन, रूस के अलावा एससीओ देशों के सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. शुक्रवार से रूस के चेल्याबिंस्क के सैन्य क्षेत्र में ये अभ्यास शुरू हो गया. इसमें 255 आर्म रेंज हिस्सा ले रही हैं.
सैन्य बलों के लिए इस अभ्यास का उद्देश्य है कि किस तरह एससीओ देशों के सैनिक शहरों में आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन चलाएं. सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद के अनुसार, ये अभ्यास सेना के जवानों को दूसरे देशों के जवानों के साथ तमाम ऑपरेशन और ड्रिल्स पूरा करने के तरीके जान सकेंगे. इसके अलावा वह एक दूसरे के साथ मिलजुलकर ऑपरेशन अंजाम दें इसे भी जान सकेंगे.
रूस ने इस एक्सरसाइज में 1700, चीन ने 700 और भारत ने इंडियन एयरफोर्स और राजपूत रेजीमेंट के 200 जवान भेजे हैं. एससीओ की शुरुआत 2001 में हुई थी. तब इसमें चीन, कजाखस्तान, किर्गिजिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान शामिल थे. अब इसमें 8 पूर्णकालिक सदस्य देश हैं. इसमें भारत पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. इससे पहले भारत ने पाकिस्तान के साथ कभी भी इस तरह के युद्धाभ्यास में हिस्सा नहीं लिया है. हालांकि दोनों देशों के सैनिक संयुक्त राष्ट्र के कई ऑपरेशन में साथ काम कर चुके हैं.
Bureau Report
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