जयपुर: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बृहस्पतिवार को अलवर जिले के थानागाजी पहुंचे और सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार वालों से मिले. राहुल के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मौजूद थे.
एएनआई के अनुसार, पीड़िता से मिलने के बाद जयपुर में मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा जब मैंने इस घटना (अलवर सामूहिक दुष्कर्म) के बारे में सुना उसके बाद मैंने अशोक गहलोत जी से बात की. यह (घटना) मेरे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है. मैंने पीड़िता के परिवार के लोगों से मुलाकात की और उन्हें न्याय मिलेगा. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. राहुल ने पीड़ित परिवार से मिलकर दिल की बात करने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि उनके साथ इंसाफ होगा.
इस दौरान वहां मौजूद राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने भी पीड़ित परिवार के लिए घोषणा की है. गहलोत ने पीड़िता को सरकारी नौकरी देने का वायदा किया है. वहीं, इस मामले में 7 दिनों में चालान पेश करने की भी बात कही है.
गहलोत ने यह भी कहा कि अलवर जिले में अपराध की घटनाओं पर रोकथाम के लिए राज्य सरकार बेहद गंभीर है. जिसके लिए अलवर जिले में 2 एसपी की नियुक्ति होगी. राज्य सरकार की कोशिश है कि घटना के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. मुख्यमंत्री गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया. वहीं, यह भी बताया कि घटना के बाद कई नए प्रावधान किए गए है. जिसमें इस तरह के मामलों में पुलिस 7 दिन में न्यायालय में चालान पेश करेगी.
आपको बता दें कि, राज्य के अलवर जिले के थानागाजी थाना क्षेत्र में 26 अप्रैल को पति के साथ मोटरसाइकिल पर जा रही एक दलित महिला से छह लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म कर उसका वीडियो बनाया. मामला दर्ज होने में कथित देरी के बाद विपक्षी दलों ने पुलिस और राज्य सरकार की काफी आलोचना भी की.
राज्य पुलिस ने दुष्कर्म करने के पांच आरोपियों एवं वीडियो को सोशल मीडिया पर डालने के एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा इस मामले में ढ़िलाई बरतने के आरोपी तत्कालीन एसपी को राज्य सरकार ने वहां से हटा दिया था. वहीं, गृह विभाग के निर्देश अनुसार पीड़ित परिवार को सुरक्षा भी दी गई है.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के अलवर जिले के थानागाजी थाना क्षेत्र में अपने पति के साथ बाइक पर जा रही एक महिला के साथ उसके पति के सामने ही पांच आरोपियों ने कथित तौर पर दुष्कर्म कर घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था. 26 अप्रैल को हुई इस घटना के बारे में में दो मई को पांच आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और एससी-एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
Bureau Report
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