नईदिल्ली: चुनावी नतीजों के आने से पहले (lok sabha elections 2019) मंगलवार को विपक्ष के नेता चुनाव आयोग से मिलने जा रहे हैं. वे वीवीपीएटी (VVPAT) की पर्चियों का मिलान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक करने का आग्रह करेंगे. विपक्षी नेताओं की अनौपचारिक मुलाकात में कांग्रेस की ओर से अहमद पटेल एवं गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओ ब्रायन, राकांपा के शरद पवार, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा सहित कई नेता शामिल हो सकते हैं. लोकसभा चुनाव के लिए सात चरण में मतदान हुआ है और 23 मई को मतगणना होगी.
दरअसल, विपक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि हर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले किन्हीं पांच बूथों पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाएगा. हालांकि कांग्रेस एवं कई अन्य विपक्षी दल लगातार यह मांग उठा रहे थे कि कम से कम 50 फीसदी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाए.
प्रणब मुखर्जी
इस बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चुनाव आयोग की सोमवार को सराहना करते हुए कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव शानदार तरीके से संपन्न कराया गया. मुखर्जी का यह बयान ऐसे समय आया है जब विपक्षी दल लगातार चुनाव आयोग को निशाना बना रहे हैं. मुखर्जी ने एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर यहां कहा कि पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन के समय से लेकर मौजूदा चुनाव आयुक्तों तक संस्थान ने बहुत अच्छे से काम किया है.
उन्होंने कहा कि कार्यपालिका तीनों आयुक्तों को नियुक्त करती है और वे अपना काम अच्छे से कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आप उनकी आलोचना नहीं कर सकते हैं, यह चुनाव का सही रवैया है.’’ मुखर्जी ने वरिष्ठ पत्रकार सोनिया सिंह की पुस्तक ‘डिफाइनिंग इंडिया: थ्रू देयर आइज’के विमोचन के मौके पर कहा, ‘‘यदि लोकतंत्र सफल हुआ है, यह मुख्यत: सुकुमार सेन से लेकर मौजूदा चुनाव आयुक्तों द्वारा अच्छे से चुनाव संपन्न कराने के कारण है.’’
मुखर्जी की इस टिप्पणी से एक दिन पहले कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष चुनाव आयोग का आत्मसमर्पण स्वाभाविक है और चुनाव आयोग अब निष्पक्ष या सम्मानित नहीं रह गया है. विपक्षी दल चुनाव आयोग के कथित तौर पर भाजपा के प्रति झुकाव रखने को लेकर आयोग की आलोचना करते रहे हैं.