नईदिल्ली: आलू की बंपर खेती के लिए जाना जाने वाला उत्तर प्रदेश का फर्रुखाबाद जिला (farrukhabad) इस बार लोकसभा चुनाव 2019 (lok sabha elections 2019) में भी हॉट सीट है. यहां कभी कांग्रेस का दबदबा रहा था. लेकिन इसके बाद यह सीट अलग-अलग दलों के पास जाती रही.
2014 में मोदी लहर में इस सीट को बीजेपी ने कांग्रेस से छीना था. फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद बीजेपी के मुकेश राजपूत हैं. इस बार भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद इस सीट से चुनाव मैदान में हैं. 23 मई को आ रहे नतीजों में यह साफ हो जाएगा कि कांग्रेस यहां फिर वापसी कर पाएगी या बीजेपी जीत का दोहराएगी.
फर्रुखाबाद में ऐसा रहा दलों का हाल
फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर पहली बार 1952 में पहली बार चुनाव हुए थे. इसमें कांग्रेस के मूलचंद दुबे ने जीत हासिल की थी. 1962 तक यह सीट कांग्रेस के पास रही. 1962 में हुए उपचुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने कांग्रेस की सीट पर सेंध लगाई. 1967 में फिर कांग्रेस आई. 1971 में भी कांग्रेस आई.
1977 में जनता पार्टी के पास यह सीट गई और 1980 में भी जनता पार्टी के पास रही. 1984 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 1989 में जनता दल ने बाजी मारी. 1991 में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने पार्टी के टिकट पर पहली बार यहां से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
1996 में फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर पहली बार बीजेपी आई. यहां से डॉ. स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी ने जीत दर्ज की. 1998 में फिर बीजेपी ने जीत दर्ज की और साक्षी फिर सांसद बने.
1999 में सपा ने यहां जीत का खाता खोला. साल 2004 में कांग्रेस ने सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद को टिकट दिया, लेकिन समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर कब्जा जमाया. 2009 में हुए आम चुनावों में कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने बहुजन समाजवादी पार्टी के नरेश चन्द्र अग्रवाल को हराया. 2014 में मोदी लहर के कारण ये सीट बीजेपी के पाले में चली गई.
2014 में ऐसा था लोगों का मत
2014 में कांग्रेस ने इस सीट से सलमान खुर्शीद को मैदान में उतारा था, लेकिन सलमान खुर्शीद कोई कमाल कर नहीं सके. आलम ये था कि सपा और बसपा ने भी इन्हें पछाड़कर चौथे नंबर पर बैठा दिया था. बीजेपी के मुकेश राजपूत ने सपा के रमेश्वर यादव को हराया था. बसपा यहां तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर पर रही थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में फर्रुखाबाद संसदीय सीट पर 60.15 फीसदी मतदान हुआ था.
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