नईदिल्ली: इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के भाव में आई गिरावट से बुधवार को घरेलू वायदा बाजार में भी कच्चे तेल के वायदा सौदों में करीब 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. कच्चे तेल के भाव में नरमी आने से भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में राहत मिलने की उम्मीद जगती है. हालिया नरमी से उम्मीद इसलिए जगी है क्योंकि दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देश सऊदी अरब ने कहा कि वह बाजार में संतुलन लाने की कोशिश करेगा.
ओपेक ने कोई साफ संकेत नहीं दिया
हालांकि तेल बाजार के जानकार बताते हैं कि बहरहाल तेल निर्यात देशों का समूह ओपेक ने इस संबंध में कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है कि वह तेल के उत्पादन में कटौती के अपने फैसले को वापस लेने जा रहा है, लेकिन ओपेक के प्रमुख सदस्य सऊदी अरब का यह बड़ा बयान है कि वह खाड़ी क्षेत्र में तनाव कम करने की दिशा में प्रयास करने के साथ-साथ तेल बाजार में मांग और पूर्ति के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करेगा.
अमेरिका के तेल भंडार में 24 लाख बैरल का इजाफा
उधर, अमेरिकी पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका में बीते सप्ताह तेल के भंडार में 24 लाख बैरल का इजाफा हुआ है. अमेरिका में तेल का भंडार बढ़ने से तेल के दाम पर दबाव आया है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर पूर्वाह्न् 10.17 बजे कच्चे तेल का जून अनुबंध 41 रुपये यानी 0.93 फीसदी की कमजोरी के साथ 4,374 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.
वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर बेंट्र क्रूड का जुलाई सौदा पिछले सत्र से 0.64 फीसदी फिसलकर 71.72 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था जबकि अमेरिकी लाइट क्रूड डब्ल्यूटीआई का जुलाई अनुबंध नायमैक्स पर 0.87 फीसदी की कमजोरी के साथ 62.58 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.
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