अलीगढ़: बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने बंपर जीत के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लगी हुई जिन्ना की तस्वीर को लेकर फिर एक विवादित बयान दे डाला, जिसकी वजह से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और मुस्लिम नेताओं के लगातार बयान आना शुरू हो गए. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ सचिव हुज़ैफा आमिर ने यहां तक कह डाला कि यह पहले भी सांसद थे तब इन्होंने क्या बिगाड़ लिया. उन्होंने कहा कि जिन्ना की तस्वीर को तो छोड़े, ये अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक पत्ते को भी नहीं छू सकते हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी किसी की जागीर नहीं है.
एएमयू में प्रोफ़ेसर मुस्लिम धर्मगुरु मुफ़्ती ज़ाहिद ने बयान दिया कि जीतने के बाद सांसद सतीश गौतम को खुदा का शुक्रिया अदा करना चाहिए, न कि फ़ालतू की बयान बाज़ी. जिन्ना को छोड़कर अगर वह विकास पर ध्यान दें तो ज्यादा अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि सांसद अलीगढ़ के हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को तोड़ने की राजनीति कर रहे हैं. जिन्ना की तस्वीर तो 1938 से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लगी हुई है.
सांसद सतीश गौतम ने जीतने के तुरंत बाद जिन्ना की तस्वीर के बारे में कहा था कि जिन्ना की घर वापसी यानी कि पाकिस्तान जाना तय है. चाहे वह कोरियर से जाएं या फ्लाइट से जाएं, लेकिन इस बार वह पाकिस्तान जाकर ही रहेंगे. इस बयान के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और इससे संबंध रखने वाले लोगों में भूचाल सा आ गया है.
राष्ट्रवादी मुस्लिम नेता और संघ विचारक ने सतीश गौतम द्वारा सांसद बनने के तुरन्त बाद जिन्ना की फ़ोटो उखाड़कर पाकिस्तान भेजने के बयान पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि देश इस समय मोदी जी की जीत पर खुशी के माहौल में झूम रहा है. इसलिए सांसद सतीश गौतम को इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि रही बात यूनिवर्सिटी छात्र संघ हॉल में लगी जिन्ना की फोटो की तो छात्र संघ को स्वयं आगे आकर उसकी फोटो को हटा देना चाहिए.
देश के मुसलमान जिन्ना से कोई लगाव नहीं रखते हैं. ये बात अलीगढ़ के सांसद को भी अपने दिमाग से निकाल देनी चाहिए. जिन्ना निर्दोष हत्याओं का हत्यारा है. अब एएमयू छात्र संघ आगे आकर जिन्ना की फोटो हटाकर इस मुद्दे को खत्म कर दे.
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