नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होंगे यह खास मेहमान, जानिए इनके बारे में…

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होंगे यह खास मेहमान, जानिए इनके बारे में...नईदिल्ली: लोकसभा चुनावों में मिली बंपर जीत के बाद बीजेपी एक बार फिर केंद्र में अपनी सरकार बनाने के लिए तैयार हैं. किस राजनेता को कौन सा पद मिलेगा इसके लिए शनिवार शाम NDA नेताओं की बैठक दिल्ली में होने वाली है. इस बैठक में सभी सांसद  नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुनेंगे.

वहीं, दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. बीजेपी की ओर से 2014 के मुकाबले 2019 के शपथ ग्रहण समारोह को और भी भव्य बनाने की कोशिश की जा रही है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह के लिए मेहमानों की लिस्ट तैयार हो गई है. इस लिस्ट में पहला नाम श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेना का पहले स्थान पर बताया जा रहा है. 

जानिए कौन है नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल होने वाले यह नेता

1. 63 साल के मैथ्रिपाला सिरिसेना महिंदा राजपक्षे के मंत्रीमंडल में स्वास्थ्य मंत्री थे. बीते नवंबर वे पाला बदलकर विपक्षी दलों में शामिल हुए. उन्होंने राजपक्षे के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया और संविधान में सुधार का वादा किया.

 2. चुनाव प्रचार के दौरान महिंदा राजपक्षे ने मैथ्रिपाला सिरिसेना पर धोखा देने का आरोप लगाया, तब मैथ्रिपाला ने श्रीलंकाई जनता को राजपक्षे के परिवार के शासन से छुटकाने दिलाने का भरोसा दिलाया था. इतना ही नहीं, मैथ्रिपाला ने सरकार में आने पर संसदीय लोकतंत्र की बहाली और पुलिस और प्रशासन में सुधार का वादा किया है.

3. मैथ्रिपाला सिरिसेना आर्थिक नजरिये से मुक्त बाजार के समर्थक माने जाते हैं और निवेश को प्राथमिकता देने वाली नीतियों के पक्षधर रहे हैं, लेकिन अल्पसंख्यकों के अधिकार और श्रीलंका में चल रहे जातीय संघर्ष के बारे में उनकी अब तक कोई स्पष्ट राय नहीं दिखी है.

4. मैथ्रिपाला सिरिसेना श्रीलंका के सिंहली और बौद्ध समुदाय में खासे लोकप्रिय रहे हैं. श्रीलंका की करीब 2.1 करोड़ आबादी में 70 फीसदी हिस्सा इन्ही दोनों समुदाय का है.

5. मैथ्रिपाला सिरिसेना काफी साफ सुथरी छवि वाले नेता हैं. बतौर स्वास्थ्य मंत्री वे शराब और ध्रूमपान का भी हमेशा विरोध करते रहे. मैथ्रिपाला सिरिसेना हमेशा लिट्टे के निशाने पर रहे. लिट्टे के विद्रोहियों ने उन पर कम से कम पांच बार जानलेवा हमला किया.

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