गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में एक बार फिर सामने आए हिंदू-मुस्लिम विवाद में नया मोड़ सामने आया है. मामले के तूल पकड़ते ही पुलिस ने जांच शुरू की और जांच में पाया कि मुस्लिम लड़के मोहम्मद बरकत के द्वारा लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो पाया कि बरकत का एक लड़के के साथ मामूली झगड़ा हुआ था, लेकिन न पीड़ित की टोपी फेंकी गई और न उसकी शर्ट फाड़ी गई.
अपने बयानों से पलटा पीड़ित
करीब डेढ़ मिनट से कम समय की सीसीटीवी फुटेज को देखने के बाद साफ हो गया है कि एक मामूली से झगड़े को किस प्रकार साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. वहीं, मामला दर्ज कराने वाला पीड़ित युवक पुलिस की जांच के दौरान अपने बयानों से पलटा गया. पूछताछ में उसने कहा कि 5-6 नहीं सिर्फ एक लड़के से मामूली झगड़ा हुआ था.
ये था मामला
आपको बता दें कि गुरुग्राम में शनिवार रात नमाज पढ़कर लौट रहे एक युवक ने आरोप लगाया था कि उसके साथ 5-6 लड़को ने टोपी पहने होने वजह से झगड़ा किया था और उसकी टोपी फेंक दी थी. लड़कों ने उसको जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाने के लिए बोल रहे थे और विरोध करने पर उसके साथ जमकर मारपीट की गई थी.
CCTV से हुआ खुलासा
मामले की जांच पुलिस ने शुरू की और आस-पास के सीसीटीवी को खंगाला तो सीसीटीवी की एक फुटेज में खुलासा हुआ कि करीब 10 बजे बरकत गुरुग्राम के सदर बाज़ार की बड़ी मस्जिद से नमाज अदा करके अपने घर के लिए निकला, तो थोड़ी दूर जाने पर उसके पीछे एक लड़का आता है जो कि शराब के नशे में था, उसने बरकत को रोका, दोनों में हल्का झगड़ा हुआ. इस झगड़े में आरोपी न तो बरकत की टोपी को हाथ लगता है, न ही उसकी शर्ट फाड़ता हुआ दिख रहा है. इसी बीच वहां एक सफाई कर्मचारी मौजूद था, जिसने बीच बचाव करके दोनों को अलग कर दिया. बरकत ने आरोपी को धक्का दिया तो आरोपी जाता हुआ दिख रहा है जबकि बरकत वही खड़ा रहता है.
करीब डेढ़ मिनट से कम समय की सीसीटीवी फुटेज को देखने के बाद साफ हो गया है कि एक मामूली से झगड़े को किस प्रकार साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. अब पुलिस ये जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर वह कौन लोग है, जो इस मामूली झगड़े को साम्प्रदायिक रंग दे रहे थे.