नईदिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर दो करोड़ से अधिक युवाओं को ठगने की एक साजिश का खुलासा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने किया है. साजिश के तहत प्रतिष्ठित आईआईटी से पोस्टग्रेजुएट युवक ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर एक फर्जी वेबसाइट बनाई थी. जिसमें नई सरकार के गठन की खुशी में दो करोड़ नौजवानों को फ्री लैपटॉप देने की बात कही गई थी.
इस साजिश के जरिए आरोपी युवक फ्री लैपटॉप की चाहत रखने वाले नौजवानों का पर्सनल डाटा एकत्रित कर रहा था. यह शख्स अपने मंसूबों में सफल होता, इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने साइबर क्राइम की इस साजिश का खुलासा कर आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया. अरोपी युवक की पहचान राकेश कुमार के तौर हुई है. राकेश मूल रूप से राजस्थान के नागौर शहर का रहने वाला है.
वेबसाइट में दो करोड़ फ्री लैपटॉप देने का था वादा
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा हाल में गठित यूनिट ‘साइबर पैड’ को सूचना मिली कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर बनी फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. जांच में पता चला कि आरोपी ने www.modi-laptop.wishguruji.com नाम से एक फर्जी वेबसाइट बनाई है. अरोपी शख्स ने अपनी फर्जी वेबसाइट में एक योजना का उल्लेख भी किया है.
इस योजना के तहत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई सरकार के गठन के उपलक्ष्य में दो करोड़ नौजवानों को फ्री लैपटॉप दिए जाने की बात कही गई है. लोगों को भरोसा जीतने के लिए वेबसाइट में मेक इन इंडिया मल्टीमीडिया मैसेज लोगो का भी इस्तेमाल किया गया था. इसके अलावा, इस वेबसाइट में फ्री लैपटॉप के इच्छुक लोगों से रजिस्ट्रेशन के नाम पर उनका व्यक्तिगत डाटा मांगा जा रहा था.
आईआईटी से पोस्ट ग्रेजुएट है आरोपी
स्पेशल सेल साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी ने बताया कि मामले की गंभीरता को समझते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तत्काल इस बाबत आईटी एक्ट का मामला दर्ज किया और आरोपियों की तलाश में एक विशेष टीम का गठन किया. लंबी जद्दोजहद के बाद दिल्ली पुलिस ने न केवल फर्जी वेबसाइट बनाने वाले शख्स का पता लगा लिया, बल्कि आरोपी के उस ठिकाने को भी खोज निकाला, जहां वह छिपा हुआ था.
साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी ने बताया कि आरोपी को जीरो-इन करने के बाद उसे राजस्थान के नागौर जिले के अंतर्गत आने वाले पंदलोता गांव से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ के दौरान आरोपी की पहचान 23 वर्षीय राकेश कुमार के तौर पर हुई. पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी ने 2019 में आईआईटी से पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी.
विज्ञापन के लालच में बनाई फर्जी वेबसाइट
पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उसने वेबसाइट पर मिलने वाले विज्ञापन के लालच में यह साजिश रची थी. इस फर्जी योजना के जरिए वह करोड़ों लोगों को अपनी वेबसाइट की तरफ आकर्षित करना चाहता था. जांच में यह भी पता चला कि आरोपी फ्री लैपटॉप के लिए आवेदन करने वाले लोगों का निजी डाटा भी इकट्ठा कर रहा था. इस डाटा को वह साइबर क्रिमिनल्स को बेचने वाला था. जिसका इस्तेमाल भविष्य में साइबर क्राइम के लिए किया जाना था.