बियारित्ज: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने और पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की क्षेत्र में मध्यस्थता की पेशकश के बीच पीएम मोदी ने जी-7 बैठक से इतर यहां ट्रंप की मौजूदगी में कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दे द्विपक्षीय हैं. दोनों ही देशों को गरीबी, अशिक्षा से लड़ना है. लिहाजा किसी अन्य देश को द्विपक्षीय मामलों में दखल देने का कष्ट नहीं देते हैं. इस तरह पीएम मोदी ने ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को ठुकरा दिया. पिछले कुछ दिनों के भीतर ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 3 बार भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात कह चुके हैं. हालांकि बाद में उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया दोनों देश आपस में ही ये मुद्दा सुलझाएं. वैश्विक मंदी के बीच दोनों देशों के बीच व्यापार के अलावा रक्षा और अफगानिस्तान के मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हो सकती है.
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ महत्वपूर्ण मीटिंग है, जब भी मौका मिला है हम मिलते रहे हैं. भारत दुनिया का बड़ा लोकतंत्र देश है, राष्ट्रपति ट्रंप का आभारी हूं, टेलीफोन करके बधाई दी थी, आज फिर बधाई दी है.
भारत और अमेरिका दोनों लोकतांत्रिक देश दुनिया की भलाई के लिए साथ मिलकर काम कर सकते हैं. योगदान दे सकते हैं. हमारे साझा मूल्य मानव जाति के लिए और दुनिया की प्रगति के लिए हैं. भारत-अमेरिका के आर्थिक क्षेत्र में लगातार बात होती रही है. भारतीय समुदाय अमेरिका में निवेश कर रहा है. अमेरिका ने जिस प्रकार से भारतीय समुदाय को आदर सत्कार दिया है, उसके लिए धन्यवाद.
इससे पहले G-7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी साल से मुलाकात की. जी-7 सम्मेलन से अलग इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई, जिसमें विकास साझेदारी और आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग शामिल है. पीएम मोदी की जर्मन चांसलर एंजला मार्केल, चिली के राष्ट्रपति सेबस्टियन पिनेरा से भी मुलाकात का कार्यक्रम है.
Bureau Report
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