नईदिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल के सोमवार को लोकसभा में पास होने के बाद आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने भारत सरकार से मांग की है कि भारत में रह रहे करीब 1 लाख तमिल श्रीलंकाईयों को भारतीय नागरिकता दिए जाने की मांग की है. वहीं, इस बिल का कुछ राजनीतिक दलों और लोगों द्वारा विरोध किए जाने के बीच अन्नाद्रमुक ने इस बिल का समर्थन करने का ऐलान किया है. AIADMK ने इस बिल के लोकसभा में पारित होने के बाद इसे कल उच्च सदन यानि राज्यसभा में लाए जाने पर समर्थन देने की घोषणा की है.
दरअसल, यह बिल सोमवार को लोकसभा में पास हो गया. पूर्वोत्तर में इस बिल के खिलाफ पहले से ही विरोध रहा है. सरकार ने बिल में नार्थ-ईस्ट के राज्यों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास भी किया लेकिन इसके बावजूद असम में आज इस बिल के विरोध में कई छात्र संगठनों ने राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है. नॉर्थ-ईस्ट स्टूडेंट्स यूनियन और आल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन ने आज असम में 11 घंटे के बंद के ऐलान की घोषणा की है. इसके चलते गुवाहाटी में आज सुबह सड़कों पर सन्नाटा देखा गया और दुकानें बंद देखी गईं. असम में कई जगह प्रदर्शनकारियों ने विरोध-प्रदर्शन भी किया. डिब्रूगढ़ और जोरहट में प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए.
केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पेश किया, जो करीब आठ घंटे की बहस के बाद रात 12 बजे पास हो गया. इस बिल को पास कराने में सरकार को कोई मुश्किल नहीं हुई, लेकिन इस पर काफी लंबी बहस चली. सोमवार रात करीब ग्यारह बजे गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षी नेताओं की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब दिया. इसके बाद रात 11:35 बजे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा गृहमंत्री की ओर से सारे बिदुओं को स्पष्ट किया जा चुका है, इसके बाद नहीं लगता है कि किसी को कोई कन्फ्यूजन रह गया होगा. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने बिल पर वोटिंग कराया.
लोकसभा स्पीकर ने बारी-बारी से विपक्षी नेताओं की ओर से जताई गई आपत्तियों पर मौखिक वोटिंग कराकर उसे क्लियर कराया. सारी अपत्ति खारिज होने के बाद विधेयक पर मत विभाजन कराया गया, जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने नागरिकता संशोधन बिल 2019 को पास करने की घोषणा की. विधेयक के पक्ष में 311 और विपक्ष में 80 वोट पड़े. खास बात यह है कि इस बिल के पक्ष में बीजेपी की पुरानी सहेयागी शिवसेना ने भी सहयोग किया.
विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि मैंने पहले ही कहा कि ये बिल लाखों- करोड़ों शरणार्थियों को यातनापूर्ण जीवन से मुक्ति दिलाने का जरिया बनने जा रहा है. इस बिल के माध्यम से उन शरणार्थियों को नागरिकता देने का काम होगा. उन्होंने कहा कि कई सदस्यों ने आर्टिकल-14 का हवाला देते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया. मैं कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह से ये बिल गैर संवैधानिक नहीं है. न ही ये आर्टिकल-14 का उल्लंघन करता है.अब यह विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
पीएम मोदी ने अमित शाह की सराहना की
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह की जमकर तारीफ की है. पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, ” खुशी है कि लोकसभा ने एक समृद्ध और व्यापक बहस के बाद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया है. मैं सभी सांसदों और पार्टियों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने विधेयक का समर्थन किया. यह विधेयक भारत के सदियों पुराने लोकाचार और मानवीय मूल्यों में विश्वास के अनुरूप है.”
एक और ट्वीट में पीएम ने लिखा, ”नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के सभी पहलुओं को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए मैं गृहमंत्री अमित शाह जी की सराहना करना चाहूंगा. उन्होंने लोकसभा में चर्चा के दौरान संबंधित सांसदों द्वारा उठाए गए विभिन्न बिंदुओं का विस्तृत जवाब भी दिया.
Bureau Report
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