नागरिकता संशोधन बिल: मुस्लिम इस देश के नागरिक थे, हैं और रहेंगे, चिंता ना करें- राज्‍यसभा में अमित शाह

नागरिकता संशोधन बिल: मुस्लिम इस देश के नागरिक थे, हैं और रहेंगे, चिंता ना करें- राज्‍यसभा में अमित शाहनईदिल्‍ली: राज्‍यसभा में नागरिकता संशोधन बिल दोपहर 12 बजे पेश किया गया. 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही इस पर सदन में चर्चा शुरू हो गई. बिल पेश करते ही टीएमसी की तरफ से इस पर विरोध जताया गया. गृह मंत्री अमित शाह ने बिल सदन के पटल पर रखकर पेश किया. बिल पेश करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह शरणार्थियों को हक और सम्‍मान देने वाला बिल है. करोड़ों लोगों के लिए नागरिकता बिल बड़ी उम्‍मीद है.

अमित शाह ने कहा कि पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान और बांग्‍लादेश में अल्‍पसंख्‍यकों की संख्‍या घटी है. प्रताडि़त लोगों को नागरिकता देने के लिए यह बिल लाया गया है. यह बिल समानता का अधिकार देने वाला है. 

अमित शाह द्वारा कही गई प्रमुख बातें… 

-ऐतिहासिक बिल लेकर उपस्थित हुआ हूं.
-लाखों करोड़ों लोग यातना का जीवन जी रहे हैं. नई आशा दिखाने वाला बिल है.
-विभाजन के बाद सबकी कल्पना थी कि यहां के अल्पसंख्यक, पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक सम्मानपूर्वक जीवन जी पाएं..
-परंतु कई दशकों के बाद इसकी ओर मुड़ कर देखते हैं, पाकिस्‍तान, अफगानिसतान और बांग्‍लादेश में अल्पसंख्यकों को समानता का अधिकार नहीं मिला.
-पूर्वी पाक बन, मुजीब ने कोशिश की, लेकिन उनकी हत्या हो गई.. और लंबे समय तक वहां प्रताड़ना हुई.
-अल्‍पसंख्‍यकों की आबादी में कमी आई है, या तो मार दिए गए, धर्म परिवर्तन हो गया.
-वो भारत आए.. तो ना सुविधाएं मिली, ना नागरिकता..
-ये बिल धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर आए हैं, उनके लिए है.
-2019 में जब आम चुनाव हुए, तो बीजेपी और साथी दल ने एक घोषणापत्र रखा था.
-MULTIPARTY DEMOCRACY में घोषणापत्र जो सरकार बनने वाली होती है उसकी उद्घोषणा होती है.
-बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में घोषणा की थी.
-जो लोग कह रहे हैं कि आप वोटबैंक की राजनीति कर रहे हो.. तो सबको कहना चाहता हूं कि जनता ने इसको समर्थन दिया है, जनादेश से बड़ा कुछ नहीं होता है.
-भारत में जो मुस्लिम नागरिक हैं, वो यहां रहेंगे. उनको कोई प्रताडि़त नहीं करेंगे.
-कोई आपको डराए तो डरिए मत, ये नरेंद्र मोदी की सरकार है. जो सबको साथ लेकर चलती है.
-मुसलमान किसी के बहकावे में ना आएं.
-कोई बरगलाए या डराए, मुस्लिम डरें नहीं.
-पड़ोसी देशों से आए मुस्लिमों को संरक्षण दिया जाएगा.

इससे पहले इस मसले पर कांग्रेस ने सदन में हंगामा कर दिया. इसके चलते सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्‍थगित कर दी. इस बीच शिवसेना नेता राउत ने कहा है कि बिल के कई मुद्दों को लेकर शिवसेना के मन में शंका है. लोकसभा में हालात और आंकड़े अलग थे. सरकार बिल पर शंका दूर करे. राज्‍यसभा में बिल पर क्‍या करना है, शिवसेना ने इस पर अभी फैसला नहीं किया है. तमिल शरणार्थी भी हिंदू हैं.

नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर बहस के लिए 6 घंटे का वक्त सभापति की तरफ से रखा गया है. उधर, विपक्ष ने इस बिल का विरोध तेज कर दिया है. कांग्रेस ने अपनी सभी जिला इकाइयों को देशभर में प्रदर्शन करने को कहा है तो वहीं सरकार राज्यसभा में इस बिल को पास कराने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है. सरकार की तरफ से राज्यसभा के लिए पूरा होमवर्क किया गया है और तमाम पार्टियों से समर्थन लेकर संख्या बल जुटाने की कोशिश हो रही है. 

राज्‍यसभा में 240 सांसद
राज्यसभा में इस वक़्त 240 सांसदों की संख्या है, क्योंकि राज्यसभा में 5 सीटें खाली पड़ी हुई हैं. इस हिसाब से 121 सांसदों के समर्थन के बाद ही ये बिल राज्यसभा में पास हो सकता है. बीजेपी के पास इस वक़्त राज्यसभा में 83 सांसद हैं यानी कि बीजेपी को 38 अन्य सांसदों की आवश्यकता पड़ेगी. लेकिन बीजेपी के लिए चिंता की बात इसलिए नहीं नज़र आ रही है क्योंकि बीजेपी के सहयोगी दलों के साथ-साथ कुछ अन्य दल नागरिकता संशोधन बिल पर सरकार के साथ नज़र आ रहे हैं. AIADMK(11), JDU (6), SAD (3), निर्दलीय व अन्य समेत 13 सांसदों का समर्थन बीजेपी को राज्यसभा में मिल सकता है. इस तरह बिल के समर्थन में 116 सांसद नज़र आ रहे हैं.

इन पार्टियों के अलावा सरकार के साथ बीजेडी (7), YSRCP (2), TDP (2) सांसदों के साथ नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन कर सकती हैं. कुल मिलाकर 127 सांसदों के साथ यह बिल पास कराने में सरकार सफल हो सकती है. शिवसेना ने लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया था लेकिन राज्यसभा में शिवसेना के 3 सांसद क्या इस बिल का समर्थन करेंगे या नहीं, इस पर सस्पेंस बरक़रार है.

विपक्ष की रणनीति
वहीं अगर विपक्ष की रणनीति पर नज़र डालें तो वह इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस के राज्यसभा में 46 सांसद हैं और वह इस बिल के ख़िलाफ़ ज़्यादा से ज़्यादा मतदान कराना चाहती है. मंगलवार को कांग्रेस नेताओं ने संसद भवन में अन्य विपक्षी दलों के साथ बातचीत भी की है. नागरिकता संशोधन बिल पर राज्यसभा में डीएमके (5), RJD (4), NCP (4), KC(M)-1, PMK(1), IUML(1), MDMK (1), व अन्य 1 सांसद ख़िलाफ़ वोट करेंगे. यानि इस तरह से यूपीए का आंकड़ा 64 सांसदों का पहुंचता है.

लेकिन यूपीए के साथ-साथ कई अन्य विपक्षी दल भी इस बिल के ख़िलाफ़ राज्यसभा में वोट करेंगे, जिसे लेकर समाजवादी पार्टी समेत कई दलों ने अपने सांसदों को व्हिप भी जारी किया है. TMC(13), Samajwadi Party (9), CPM(5), BSP (4), AAP (3), PDP (2), CPI (1), JDS (1), TRS (6) जैसे राजनीतिक दलों के सांसद इस बिल के ख़िलाफ़ हैं. यूपीए के अतिरिक्त कई विपक्षी दलों के 44 सांसद भी इस बिल के ख़िलाफ़ वोट कर सकते हैं.

इस प्रकार यूपीए और गैर एनडीए दलों के सांसदों के आंकड़े देखें तो नागरिकता संशोधन बिल के ख़िलाफ़ कुल 108 सांसद मतदान कर सकते हैं.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*