वाशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी की उस रिपोर्ट को मान लिया है जिसमें बताया गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान साइबर हमले में रूस का हाथ था। इस संबंध में वह कोई कार्रवाई कर सकते हैं।
चीफ ऑफ स्टाफ प्रिंस प्रिबस ने कहा है कि ट्रंप का यह मानना हैं कि डेमोक्रेटिक पार्टी संगठन को निर्देश देने के पीछे रूस का हाथ है लेकिन प्रिबस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या ट्रंप इस बात पर सहमत हैं कि हैंकिग का निर्देश देने के पीछे रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन का हाथ था।
प्रीबुस ने रविवार को फोक्स न्यूज संडे को बताया, ‘ इस विशेष मामले के साथ रूस का नाम पहले से जुड़ा था इसलिये यह मुद्दा नहीं है। ‘
ऐसा पहली बार हुआ है कि रिपब्लिकन नव निर्वाचित राष्ट्रपति की टीम के एक वरिष्ठ सदस्य ने यह बात स्वीकार की है कि ट्रंप यह मानते हैं कि रूस ने 2016 में राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों के ईमेल के हैकिंग के निर्देश दिए थे जिसे बाद में उजागर किया गया था।
ट्रंप अब तक इस बात से इंकार करते रहें हैं कि हैकिंग के पीछे रूस का हाथ है या रूस ने उन्हें जिताने में किसी भी तरह की मदद की है।
आगामी 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ट्रंप पर रिपब्लिकन पार्टी की ओर से यह दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह खुफिया एजेंसी के इस दावे को स्वीकार करें कि 8 नवंबर को हुए चुनाव को प्रभावित करने के लिए रूस ने हैकिंग या किसी भी तरह की अन्य मदद की थी।
गत सप्ताह अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि पुतिन ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराने और ट्रंप को सहयोग करने के लिए साइबर हमले के निर्देश दिए थे।
Bureau Report
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